इसलिए तुम्हारे दुनियाबी स्वभाव को तुम्हारे दिमाग को चलने देना मृत्यु को जन्म देता है। परन्तु आत्मा को तुम्हारे दिमाग को चलाने देना जीवन और शांति को लाता है। (रोमियो 12:2 MNLT)
दिमाग हर उस चीज़ के पीछे मुख्य फैकल्टी है जो आप समझते हैं हालाँकि दो चीजों का उस एक दिमाग के ऊपर प्रभाव होता है! या आपके शरीरिक विचार आपके दिमाग को प्रभावित करेंगे या पवित्र आत्मा।
मानवीय विचार हमेशा सही लगते हैं मगर वह आत्मा के बिलकुल विपरीत होते हैं। कोई भी अपने अनुसार गलत नही करता। यही मानवीय विचार होते हैं जो एक व्यक्ति को यह सोचवाते हैं कि वह जो निर्णय ले रहा है वह सही है! जब यीशु पानी पर चल रहा था, उसने पतरस को भी बुलाया और पतरस पानी पर चलने भी लगा यीशु के साथ। पर मुझे बहुत दुःख होता है कि मानवीय सोच-विचार उस पर हावी हो गये और विपरीत तरंगो को देख कर वह डर गया और जैसे ही वह डरा वह डूबने लगा।
मानवीय विचार हमेशा एक व्यक्ति को उसके जीवन में डुबाते हैं। आत्मा से विचार करना चुनिए। परमेश्वर के वचन को अपने चुनावों और निर्णय का आधार बनने दीजिये। और ऐसा कभी कोई पल नही आएगा जब आप अपने जीवन में डूबेंगे या खोएंगे।
प्रार्थना:
प्रिय पिता, मैं आपका धन्यवाद करता हूँ मुझे अपनी आत्मा देने के लिए, जो मेरी ज्योति है। धन्यवाद आपके वचन के लिए जो सदा मुझे समझ और बुद्धिमता देता है। मैं बुद्धिमता में चलना चुनता हूँ, और मसीह में अपनी विरासत कि भरपूरी में जीता हूँ, यीशु के नाम में। आमीन!