पृथ्वी पर की नहीं परन्तु स्वर्गीय वस्तुओं पर ध्यान लगाओ। क्योंकि तुम तो मर गए, और तुम्हारा जीवन मसीह के साथ परमेश्वर में छिपा हुआ है। (कुलुस्सियों 3:2-3)

परमेश्वर की संतान होने के नाते आप परमेश्वर के राज्य से हैं। इसलिए जीवन में, आपका ध्यान ऊपर की चीज़ों पर होना चाहिए। इसका अर्थ है अपना दिमाग और ध्यान उस पर तथा उसके राज्य से संबंधित बातों पर लगाना।

एक मसीह होने के नाते आपको उन चीजों को पहचानना और त्यागना सीखना चाहिए जो परमेश्वर की ओर से नहीं हैं। यह महत्वपूर्ण है कि आप अपना समय, प्रयास और ध्यान उन चीजों में न लगाएं जो ऊपर से नहीं हैं।

इसलिए, हमारे मुख्य वर्स में स्वर्गीय वस्तुओं पर अपना ध्यान केन्द्रित करने की डाँट, का अर्थ है अपने दिमाग पर नियंत्रण रखना और सचेत रूप से अपनी सोच को आत्मिक बातों पर केन्द्रित करना। याद रखें कि जिन चीज़ों के बारे में आप सोचते हैं, वही चीज़ें आपके कार्यों को नियंत्रित करेंगी।

आपका दिमाग एक बहुत शक्तिशाली मशीन है; आप इसे अपनी इच्छानुसार मोड़ या नियंत्रित कर सकते हैं। आत्मिक बातों के प्रति रूचि विकसित करने के लिए अपने दिमाग का अभ्यास करें; परमेश्वर की बातों में अपनी रुचि दिखाएँ। चर्च सेवाओं में उपस्थित रहें। वचन का अध्ययन और उस पर मनन करें। एक अनुशासित प्रार्थना जीवन बनाए रखें। और, आत्माओं को जीतें। ये आत्मिक गतिविधियाँ हैं जिनमें आपको सचेत रूप से शामिल होना चाहिए, तथा स्वयं को प्रशिक्षित करना चाहिए कि आप अपना ध्यान ऊपर की चीज़ों पर केन्द्रित करें। जब आप ऐसा करेंगे तो आपका जीवन दूसरों से भिन्न और, महिमामय होगा।

प्रार्थना:
प्रिय पिता, मैं आपको धन्यवाद देता हूँ मुझे पवित्र आत्मा देने के लिए, जो मेरी सदैव उपस्थित सहायता है। मैं सचेत रूप से अपने दिमाग को ऊपर की चीजों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए, अभ्यास कराता हूँ। मेरा कोई भी कदम कभी नहीं फिसलेगा। मैं ऊपर से हूँ और मैंने ऊपर की चीज़ों पर अपना ध्यान लगाया है, यीशु के नाम में। आमीन!

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