पर पहिले यह जान लो कि पवित्र शास्त्र की कोई भी भविष्यद्वाणी किसी के अपने ही विचारधारा के आधार पर पूर्ण नहीं होती। (2 पतरस 1:20)
2 तीमुथियुस 2:15 में, पॉल ने, तीमुथियुस से बात करते समय उसे मन लगाकर पवित्र शास्त्र का अध्ययन करने के लिए कहा और आगे उसने उससे कहा कि ऐसा करने से वह तैयार हो जाएगा और उसे कभी भी ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा जहां उसे शर्मिंदा होना पड़े। यीशु ने स्वयं हमें मत्ती 13:11 में, बताया कि हमें परमेश्वर के राज्य के रहस्यमय तथ्यों को जानने के लिए दिया गया है। राजा और उसका राज्य अब हमारे लिए कोई रहस्य नहीं रह गया है।
परमेश्वर ने स्वयं को यीशु में और उसके माध्यम से प्रकट किया, हमारे पास उसका वचन है कि हमें राज्य के बारे में ज्ञान हो, इसके अलावा उसने हमें अपनी आत्मा से भर दिया जो हमें सभी सत्य में मार्गदर्शन करता है।
आप एक राजा के संतान है और यह आपका विशेषाधिकार विरासत है की आप राज्य के रहस्यों ,तरीको और मामलो को जाने। अब आप पूछ सकते हैं कि इन चीज़ों तक कैसे पहुंचा जाए, यह बहुत सरल है, परमेश्वर ने यह सब अपने वचन में रखा है। बाइबल केवल सत्य या केवल ऐतिहासिक अभिलेख नहीं है। हालाँकि बाइबल में रिकॉर्ड की गई बातचीत, आत्मा से भरे संचार शामिल हैं, लेकिन अक्षरों के ये टुकड़े शिक्षा के पावरपॉइंट हैं।
मैं आपको चुनौती देता हूं कि आज उसकी आत्मा के माध्यम से उसके वचन का अध्ययन करने का प्रयास करें। जब कोई अविश्वासी बाइबल पढ़ता \पढ़ती है, तो वह वही पढ़ेगा जो उसमें लिखा हो, जबकि आप, परमेश्वर की संतान, जब आत्मा के माध्यम से इसका अध्ययन करेंगे, आप स्वयं को आत्मिक ज्ञान, शक्ति और उसके पवित्र अभिषेक के विशाल स्रोत से जुड़ा हुआ पाएंगे। यहां तक कि अगर वह सिर्फ एक वर्स है, तब तक इसे बार-बार पढ़ें जब तक कि पवित्र आत्मा आपको सिखाना शुरू न कर दे और राज्य के गहरे रहस्यों को आपके लिए उजागर न कर दे। बाइबल तब आपके लिए केवल एक पवित्र पुस्तक नहीं रहेगी, बल्कि एक व्यक्ति के रूप में आप इसके साथ संगति करेगी। यह बहुत आनंद की बात है कि हमारा स्वर्गीय पिता राजा हैं, हम राजा के संतान हैं और राज्य हमारी विरासत है।
प्रार्थना:
महिमामय पिता, मैं यीशु के नाम पर आपको धन्यवाद देता हूं कि आपने प्रेमपूर्वक मुझे राज्य के रहस्यों का ज्ञान कराया है। मैं उस ख़ज़ाने के लिए आपको धन्यवाद देता हूँ जो आपने मेरी विरासत के रूप में मेरे लिए रखा है। मैं लगन से स्वयं को पवित्र शास्त्र के अध्ययन में लगाता हूँ। मुझे पवित्र आत्मा से भरने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं जो मुझसे बात करता है और सभी सत्य में मेरा मार्गदर्शन करता है। आमीन!