अब विश्वास आशा की हुई वस्‍तुओं का निश्चय, और अनदेखी वस्‍तुओं का प्रमाण है। (इब्रानियों 11:1)

विश्वास परमेश्वर के राज्य की मुद्रा है। मसीह में प्रत्येक विश्वासी को, विश्वास दिया गया है (संदर्भ: रोमियों 12:3), और जब हम परमेश्वर के वचन का अध्ययन करते हैं, तो हमारा विश्वास बढ़ता है। विश्वास का निर्माण, करने के लिए परमेश्वर का वचन ही एकमात्र सामग्री है।

हमारा विश्वास परमेश्वर के लिए मायने रखता है। बाइबल इब्रानियों 11:6 में ऐलान करती है; “और विश्वास बिना उसे प्रसन्न करना अनहोना है, क्योंकि परमेश्वर के पास आने वाले को विश्वास करना चाहिए, कि वह है; और अपने खोजने वालों को प्रतिफल देता है।”

विश्वास दिमाग या मन की प्रतिक्रिया नहीं है; यह कोई जादू या फार्मूला नहीं है, नहीं! विश्वास परमेश्वर के वचन के प्रति मानव आत्मा की प्रतिक्रिया है। जब आप विश्वास के साथ प्रार्थना करते हैं या घोषणा करते हैं, तो आपको हमेशा उत्तर मिलेगा, क्योंकि विश्वास हमेशा काम करता है; यदि यह काम नहीं किया तो यह कभी विश्वास नहीं था।

परमेश्वर ने आपको जो विश्वास दिया है, उसे बढ़ाना आपकी जिम्मेदारी है, और ऐसा करने का तरीका है परमेश्वर के वचन के बारे में ज़्यादा सीखना: “…विश्वास सुनने से और सुनना परमेश्‍वर के वचन से होता है” (रोमियों 10:17)। आप अपनी आत्मा में परमेश्वर के वचन को जितना कम ग्रहण करेंगे, जीवन की चुनौतियों का सामना करते समय आप उतना ही कम विश्वास दर्शा पाएंगे।इसलिए, हर दिन परमेश्वर के वचन से भरपूर भोजन ग्रहण करके अपना विश्वास बढ़ाएँ, क्योंकि आपका विश्वास मायने रखता है!

प्रार्थना:
अनमोल पिता, मैं आपको धन्यवाद देता हूँ, मुझे विश्वास देने के लिए और अपने वचन के उपहार के लिए, जिससे मेरा विश्वास बढ़ता है। आज मेरा विश्वास जीवित है और बढ़ रहा है, क्योंकि मैं परमेश्वर का वचन अपनी आत्मा में ग्रहण करता हूँ। आमीन।

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