ताकि तुम आलसी न बनो, परन्तु उनका अनुकरण करो, जो विश्वास और धीरज के द्वारा प्रतिज्ञाओं के वारिस होते हैं। (इब्रानियों 6:12)

विश्वास में चलने वालों का अनुसरण करना जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण यह भी है कि आप उनका अनुसरण किस प्रकार करते हैं, इससे आपके जीवन में बहुत फर्क पड़ता है। जब हम विश्वास के महान लोगों का अनुसरण करने की बात करते हैं, तो हमारा मतलब उनके बाल बनाने के तरीके या उनके पहनावे के तरीके का अनुसरण करने से नहीं है, ना ही इसका मतलब उनके प्रचार करने या चलने की शैली का अनुसरण करना है। इसका मतलब यह भी नहीं है कि वे जहां भी जाएं, उनका पीछा किया जाए। इसका मतलब है उनके विश्वास के कदमों का अनुसरण करना।

आप विश्वास में चलने वाले जनों का अनुसरण करते हैं, उनके वचनों का पालन करके। आप सही तरीक़े से अनुसरण करते हैं जब आप भी अपने स्थान पर वैसा ही प्रभावी कार्य करते हैं, जैसा वे अपने स्थान पर अपने विश्वास और प्रार्थना से कर रहे हैं। आप वैसे ही, पिता के साथ रिश्ते के फलों की इच्छा रखते हुए उनका अनुसरण करते हैं, जैसा कि आप उनके जीवन में देखते हैं। आप सही तरीक़े से अनुसरण करते हैं जब आप प्रभु यीशु से अधिक और अधिक प्रेम करते जाते हैं।

अनुसरण का यही सच्चा अर्थ है। यह कोई बाहरी कार्य नहीं है, बल्कि आपके जीवन में आत्मा का आंतरिक कार्य है, जो आप में परिवर्तन लाता है, तथा आपके द्वारा आपकी दुनिया पर डाले गये प्रभाव में भी परिवर्तन लाता है।

देखिए यह एक सत्य घटना है कि, यीशु जहाँ भी जाता था, यहूदा शारीरिक रूप से यीशु के पीछे जाता था। वह बारह शिष्यों में से एक था, फिर भी उसका हृदय कभी प्रभु में नहीं था। और हमें उसका अन्त अवश्य पता है। इसलिए, सही मन और रवैया रखें जब आप उन लोगों का अनुसरण करें जिन्होंने अपने विश्वास और धैर्य के कारण प्रतिज्ञाएँ प्राप्त की हैं।

प्रार्थना:
अनमोल पिता, मैं आपको अपने वचन के माध्यम से अनुसरण करने का सार सिखाने के लिए धन्यवाद देता हूँ। मैं सही लोगों का सही तरीके से अनुसरण करता हूँ। इस संसार के तरीके मुझे प्रभावित नहीं करते, मैं केवल परमेश्वर के वचन से प्रभावित होता हूँ, यीशु के शक्तिशाली नाम में! आमीन

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