फिर उसने उन से कहा, कि जा कर चिकना चिकना भोजन करो और मीठा मीठा रस पियो, और जिनके लिये कुछ तैयार नहीं हुआ उनके पास बैना भेजो; क्योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिये पवित्र है; और उदास मत रहो, क्योंकि यहोवा का आनन्द तुम्हारा दृढ़ गढ़ है। (नेहेमेयाह 8:1)

नवी नेहेमेयाह ने इजराइल के लोगों को ऐसे देखा जो सफल है न कि वैसे जो असफल हैं| उसने उन्हें बलवानी देखा न की कमज़ोर| ऊपर दिए वचन में एक उल्लेखनीय आदेश है जो नवी उन्हें देता है, वह उन्हें आदेश देता है कि उदास मत रहो!

इब्रानी में जो शब्द उदास मत रहो अनुवादित है वह है ” awtsab औट्साब”, जिसका मतलब है चिंता,डर, गुस्से, गम, दुःख और चोट को निर्मित करना या बनाना| तो नहेमायाह इजराइल के लोगों को कह रहा था कि वे इन नकारत्मक भावनाओं को निर्मित न करें| आगे वह बताता है कि परमेश्वर का बल उसकी आनंद में उपलब्ध कराया गया है|

एक परमेश्वर के संतान के तौर पर, चुनने और सोचने की सामर्थ हमें दी गयी है| जब तक हम नकारत्मक भावना और सोच को अपने अन्दर निर्मित नही करेंगे, उनका हमारे जीवन पर कोई प्रभाव नही होगा| अगर आप कभी भी खुद को शैतान द्वारा प्रभावित महसूस करते हैं डर, या चिंता को निर्मित करने के लिए, तो अपने आप को तुरंत रोकिये| चिल्लाइये और खुद को ठीक कीजिये यह कहते हुए कि, “ पिता मुझे माफ़ कर दें कि मैंने अनजाने में मेरे मन में चिंता और डर को निर्मित किया, यीशु के नाम में मेरे अन्दर यह नकारत्मक भावनाओं की कोई जगह नही है, और मैं घोषित करता हूँ कि शैतान का मुझ पर कोई अधिकार नही है” जैसे आप यह करेंगे, आप स्वर्गीय आनंद महसूस करेंगे और संभावनाओं कि सोच आपकी आत्मा में भर जाएगी| आप परमेश्वर के बल से बलवंत होंगे जैसे आप उसके आनंद में भरे होंगे!

प्रार्थना:

प्रिय स्वर्गीय पिता, मैं आपका धन्यवाद करता हूँ आपके वचन के लिए आज! आपके वचन ने मुझे अलौकिक बल का रहस्य सिखाया है| आपके वचन ने मुझे सिखाया है कि कैसे मैं हर एक चीज़ के ऊपर अधिकार में जी सकता हूँ| मैं किसी भी नकारत्मक भावना को निर्मित नही करता बल्कि मैं उस स्वर्गीय बल में भरता हूँ जो आप ने मेरे लिए उपलब्ध करायी है पुरे आत्मिक आनंद के साथ, यीशु के नाम में| आमीन!

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