पर हे प्रियोंतुम अपने अति पवित्र विश्वास में अपनी उन्नति करते हुए और पवित्र आत्मा में प्रार्थना करते रहो। (यहूदा 1:20)

विश्वास अनदेखी वस्तुओं का प्रमाण है| यह आशा और संभावनाओं का क्षेत्र नही है| विश्वास ऐसा होना है कि आप उस पॉइंट पर आ गये हैं जहाँ जिन चीजों के लिए आप प्रार्थना कर रहे थे और आशा कर रहे थे, वे अब आपकी हैं| ऐसी मानसिकता किसी भी सुपरनैचुरल चमत्कार के लिए एक मूल ज़रूरत है| जब कुछ भी कार्य नही करता, तो सबसे पहली चीज़ जिसे बदलने की ज़रूरत है, वह है आपकी मानसिकता| इसे आपके अन्दर से होने की ज़रूरत है|

स्वर्गीय भाषा में प्रार्थना करना वह फ़ोर्स है जो आपको आपके विश्वास में खड़ा करता है| विश्वास कोई साईंकोलोजिकल चीज़ नही है, बल्कि यह एक आत्मिक चीज़ है| यहूदा 1:20, हमें दिखाता है कि जब एक व्यक्ति आत्मा में प्रार्थना करता है वह अपने विश्वास को स्थापित करता है| विश्वास परमेश्वर के ज्ञान से आता है, और विश्वास प्रार्थना के द्वारा मजबूत किया जाता है|

खुशखबरी यह ही कि, विश्वास को खीचकर लम्बा किया जा सकता है| अपने विश्वास के मसल्स को बनाइये प्रार्थना करके और अपने विश्वास पर और ज्यादा चल कर|

घोषणा:

मैं प्रबल विश्वास से भरा हुआ हूँ| मैं अपने चमत्कार को लम्बानो करता हूँ| मैं आशा के स्तर में जीने से इनकार करता हूँ, बल्कि मैं विश्वास के स्तर से कार्य करता हूँ| मैं अपने विश्वास के मसल्स को मजबूत करता हूँ वचन पर निरंतर मनन करने के द्वारा|हल्लेलुयाह!

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