परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। (रोमियो 5:8)
मसीह यीशु में हमने परमेश्वर का जीवन और स्वभाव पाया है। उसने हमें हर एक से प्रेम करने को कहा है और हमें यह भी बताया है कि सबसे बड़ी चीज़ प्रेम है और यह प्रेम कभी नही टलता (1 कुरिन्थियों 13:8)। हम कभी नही समझ सकते कि सच्चा प्रेम क्या है, जब तक की न हम वचन के द्वारा खुद को परमेश्वर की आँखों से देखने के लिए ट्रेन नही कर लेते। परमेश्वर ने तब भी मनुष्य से प्रेम किया जब उसने परमेश्वर को अपना दुश्मन बना लिया था। उसने मनुष्य में एक खजाना देखा और अपने पुत्र के लहू का निवेश किया एक बलिदान की तरह, ताकि वह मनुष्यों को अंधकार से निकाल कर अपनी अद्भुत ज्योति में ला पाए। उसने मनुष्य को उसके पापों के लिए दोषी नही ठहराया बल्कि प्रेम से उससे दुबारा मेल मिलाप कर लिया। जो परमेश्वर, मनुष्य को नियमों में बाँधकर हासिल नही कर पाया वह उसने प्रेम दर्शा कर हासिल कर लिया।
मसीह में आप परमेश्वर के प्रेम की छवि हैं इस दुनिया के लिए। उसकी आत्मा आप में रहती है उसके सपने को पूरा करने के लिए, आपके जीवन के द्वारा। अपने आप को ट्रेन कीजिए परमेश्वर की प्रेम की आँखों से देखने के लिए। जब भी आप किसी ऐसे व्यक्ति को देखें जो अच्छा नही कर रहा, उसे दोष मत लगाइए या अपशब्द मत बोलिए, बल्कि उसके अन्दर वह खज़ाना देखिये जो परमेश्वर देखता है और उसके लिए प्रेम से मध्यस्त की प्रार्थना कीजिए। यह करने के द्वारा आप सच मुच पवित्र आत्मा को अपने द्वारा कार्य करने देंगे और उसके सपने को अपने जीवन में पूरा होने देंगे। एक अद्भुत आनंद होता इस ऊँचे स्तर में जीने का, हर उस व्यक्ति को प्रेम देते हुए जिसे परमेश्वर हमारे जीवन में लाता है।
घोषणा:
पिता मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ कि तेरा वचन मेरी आत्मा के लिए ज्योति हैं और पवित्र आत्मा के द्वारा मेरी आत्मिक आँखें खुली है दूसरों में खज़ाना देखने के लिए। मैं तुझसे प्रेम करता हूँ और मैं हर किसी से प्रेम करता हूँ, जैसे तू उनसे प्रेम करता है। धन्यवाद मुझे चुनने के लिए और अपने प्रेम का हेड क्वाटर बनाने के लिए इस दुनिया में। हल्लेलुजाह!