परन्तु मनुष्य में आत्मा तो है, और सर्वशक्तिमान की प्रेरणा से मनुष्य समझ प्राप्त करता है। (अय्यूब 32:8)

एक और वर्ष समाप्त होने वाला है, और हमने इस वर्ष में बहुत उन्नति और वृद्धि की है। लेकिन, यह हर किसी की कहानी नहीं है, कई लोगों के लिए कुछ भी नहीं बदला है, वे ठीक उसी जगह पर खड़े हैं जहां वे पिछले साल और उससे पहले के साल में थे। ऐसा क्यों है? क्या वे अपने जीवन में आगे बढ़ना नहीं चाहते? वे निश्चित रूप से आगे बढ़ना चाहते हैं। लेकिन, वे एक ही स्थान पर इसलिए अटके हुए हैं क्योंकि उनके सारे प्रयास बाहर की ओर हैं।

हर वर्ष की शुरुआत में लोग साल के लिए विभिन्न संकल्प लेते हैं। वे शुरुआत में तो अपने संकल्पों को पूरा करने की भरपूर कोशिश करते हैं, लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते हैं और साल आगे बढ़ता है, उनके संकल्प पीछे छूट जाते हैं। लोग यह भूल जाते हैं कि जीवन बाहरी नहीं है। यह आत्मा के द्वारा जीया जाता है। यह अंदर से बाहर है। जब आप अपना जीवन परमेश्वर की आत्मा के मार्गदर्शन और नियंत्रण में जीते हैं, तो आपका जीवन परमेश्वर की सामर्थ द्वारा संचालित होगा। आपको बाहरी तौर पर जद्दोजहद करने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि आपकी आत्मा आपसे संबंधित हर चीज़ को नियंत्रित करेगी।

जब आप आत्मा के द्वारा शासित होते हैं; आप चीज़ों को राज्य के तरीकों से देखते हैं; परमेश्वर का वचन आपके कार्यों और जीवन तथा आपके आस-पास की हर चीज़ के प्रति आपकी प्रतिक्रियाओं को निर्देशित करता है। आप अपने वातावरण पर आत्मा के वातावरण का प्रभुत्व रखते हैं। यही वह जीवन है जिसे जीने के लिए हमें एक विश्वासी के रूप में बुलाया गया है। इसलिए, बाहर की जद्दोजहद छोड़ें। अपने जीवन और दुनिया की कमान अंदर से बाहर की ओर संभालें!

प्रार्थना:
प्रिय पिता, मैं आपको धन्यवाद देता हूँ मुझे पवित्र आत्मा देने के लिए। मेरा जीवन सुन्दर है क्योंकि परमेश्वर की आत्मा मुझमें वास करती है। मैं मृत्यु या इस संसार की विनाशकारी व्यवस्था के अधीन नहीं हूँ। मैं आपके दिव्य स्वभाव का सहभागी हूँ; अनन्त जीवन मुझमें कार्य कर रहा है, यीशु के नाम में। आमीन।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *