अब मैं कहता हूं, कि वारिस जब तक बालक है, यद्यपि वह सब का स्वामी है, तौभी उस में और दास में कुछ भेद नहीं है। (गलातियों 4:1)
इस संसार में एक मसीह के रूप में, आप हमारे प्रभु यीशु मसीह के एक्सटेंशन हैं। इसलिए, आप आत्मा में लंबे समय तक बालक नहीं रह सकते। आपको प्रभु के साथ चलते हुए परिपक्व और विकसित होना चाहिए।
परिपक्व होने का अर्थ है, यह जानना कि परमेश्वर की इच्छा और योजना के अनुसार क्या करना है और कैसे करना है; और फिर उसे करना। किसी को परमेश्वर के वचन और उसकी इच्छा का पूरा ज्ञान हो सकता है, लेकिन जब तक वे उस पर कार्य करने का चुनाव नहीं करते, तब तक इसका कोई प्रभाव नहीं होता। इसलिए, परिपक्वता एक चुनाव है। यह सत्य है कि परमेश्वर ने आपको पृथ्वी पर यीशु मसीह का एक्सटेंशन बनाया है; लेकिन यदि आप परिपक्व होना नहीं चुनते हैं तो आप अभी भी एक साधारण जीवन जीते रहेंगे। हमारे मुख्य वर्स को देखिए, उसमें कहा गया है कि जब तक वारिस बालक है, वह किसी नौकर से बेहतर नहीं है। क्यों? क्योंकि वह अपने अधिकार और शक्ति के साथ शासन करने के लिए परिपक्वता प्राप्त नहीं कर पाया है, भले ही वह इसका असली उत्तराधिकारी है। यही बात उस मसीही के मामले में भी लागू होती है जो आत्मिक रूप से, बच्चा बने रहना चुनता है।
इसलिए , आपको अपने दिमाग को वचन के माध्यम से प्रशिक्षित करना चाहिए, तथा परिपक्व होने के लिए प्रार्थना और मनन के माध्यम से खुद को परमेश्वर की आत्मा के प्रति समर्पित करना चाहिए। आपको परमेश्वर की आत्मा और मसीह में अपने लीडर्स से प्राप्त प्रत्येक मार्गदर्शन पर बिना किसी हिचकिचाहट या भय के कार्य करना चाहिए। परिपक्वता चुनने का यही तरीका है। आपके पास एक प्रशिक्षित करने योग्य दिमाग है, इसे याद रखें और परमेश्वर के वचन के माध्यम से इसे नवीनीकृत करके लगातार अपने दिमाग को बदलें।
प्रार्थना:
प्रिय पिता, मैं आपका धन्यवाद करता हूं मुझे इस संसार में यीशु मसीह का एक्सटेंशन बनाने के लिए। मैं खुद को आपके वचन के ज्ञान से भरने और दिन-रात उस पर मनन करने के द्वारा आत्मा में परिपक्व होना चुनता हूँ। मैं जानता हूँ कि मुझे क्या करना है और आपकी इच्छा के अनुसार कैसे करना है, और मैं इसे आत्मा की सामर्थ्य से कार्यान्वित करता हूँ। यीशु के नाम में। आमीन!