इपफ्रास जो तुम में से है और मसीह का दास है, तुम को नमस्कार कहता है और सदा तुम्हारे लिये प्रार्थनाओं में परिश्रम करता है, कि तुम सिद्ध होकर परमेश्वर की इच्छा पर पूर्णतः स्थिर रहो। (कुलुस्सियों 4:12)
हमारे मुख्य वर्स में प्रेरित पौलुस कुलुस्से की कलीसिया को संबोधित कर रहा था, और उन्हें बता रहा था, कि कैसे इपफ्रास उनके लिए मध्यस्थता कर रहा है, ताकि वे परमेश्वर की इच्छा में सिद्ध और संपूर्ण बने रहें। अब, जब आप इस वर्स को दूसरे अनुवाद से देखेंगे तो इसमें लिखा है: “इपफ्रास जो तुम में से है और मसीह यीशु का सेवक है, तुम्हें नमस्कार कहता है। वह हमेशा तुम्हारे लिए प्रार्थना में संघर्ष करता है, कि तुम परिपक्व होकर और पूरी तरह आश्वस्त होकर, परमेश्वर की सारी इच्छा पर स्थिर रहो।” (कुलुस्सियों 4:12 NIV)। यहाँ “परिपक्व और पूरी तरह से आश्वस्त” शब्दों का प्रयोग हमारे मुख्य वर्स में प्रयुक्त अनुवाद में “परिपूर्ण और सम्पूर्ण” शब्द पर्यायवाची के रूप में उपयोग किए गए हैं।
शब्द “सिद्ध” का अनुवाद ग्रीक शब्द “(teleios)टेलीओस” से किया गया है; इसका वास्तव में अर्थ है “परिपक्वता,” “संपूर्णता”; अर्थात, पूर्ण वयस्कता तक लाया जाना। जबकि उसी वर्स में शब्द “संपूर्ण” का अर्थ “(pleroo)प्लेरो” (ग्रीक) है, जिसका अर्थ है “भरपूर होना,” और किसी चीज़ की आवश्यकता न होना। इसलिए, मसीह यीशु में आत्मिक परिपक्वता और संपूर्णता एक साथ चलते हैं।
इपफ्रास के माध्यम से कलीसिया के लिए आत्मा की प्रार्थना है कि हम परमेश्वर की बातों में परिपक्व बनें और इस तरह से परिपूर्ण हों कि हमें किसी भी चीज़ की आवश्यकता न हो; यह हमारे लिए है कि हम संपूर्ण, सिद्ध और भरपूर बनें। यीशु पृथ्वी पर ऐसे ही थे ; वे परिपूर्ण और संपूर्ण थे, उन्हें किसी चीज़ की कमी नहीं थी। यही वह जीवन है जिसके लिए परमेश्वर ने आपको बुलाया है। यही वह जीवन है, जिसका प्रदाता उसने आपको बनाया है। आपको उसी के अनुसार जीवन जीना है। परमेश्वर ने आपको जिस संपूर्णता के लिए बुलाया है, उसमें जीवन जीने के लिए आत्मिक रूप से परिपक्व होने का चुनाव करें।
प्रार्थना:
प्रिय पिता, मैं आपका धन्यवाद करता हूँ मुझे मसीह यीशु में संपूर्ण बनाने के लिये। जैसे मैं आत्मिक परिपक्वता में जीने का चुनाव करता हूँ, मैं एक सिद्ध जीवन जीता हूँ, मुझे किसी भी चीज़ की चाहत नहीं होती। मैं कौन हूँ और मसीह में मेरी विरासत क्या है, इसके बारे में मेरी मानसिकता सही है। मैं परमेश्वर को उसके वचन, उसकी आत्मा और उसके जीवन के लिए जो मुझमें है, महिमा देता हूँ और ऐलान करता हूँ कि मैं संपूर्ण हूँ और मुझे किसी चीज़ की कमी नहीं है। यीशु के नाम में। आमीन!