परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा, परन्तु जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा। (यूहन्ना 16:13 KJV)

मसीह में, आप पवित्र आत्मा से भरे गये हैं। परमेश्वर की आत्मा के बारे में एक सुन्दर बात यह है कि वह आपका मार्गदर्शन और निर्देशन करने के लिए सदैव मौजूद रहता है। वह आपको जीवन के अगले अध्याय तक ले जाने का रास्ता जानता है।

बहुत से लोग इस बात से अनजान हैं कि आत्मा की आवाज़ कैसे सुनें। परमेश्वर की आत्मा से सुनना हक़ीक़त में बहुत सरल है – बहुत से लोग जितना सोचते हैं, उससे भी कहीं अधिक सरल है। इसका मतलब यह नहीं है कि उसे आपसे बात करने के लिए राजी किया जाए; बल्कि इसका अर्थ है यह पहचानना कि वह पहले से ही आपसे बात कर रहा है। आपको बस अपना ध्यान केन्द्रित करना है, सुनना है और उसके वचनों को ग्रहण करना है।

एक चीज़ होती है जिसे ‘एकांत समय’ कहते हैं। यह वह समय है जब आप अपनी मानवीय आत्मा को चुप कर लें और खुद को उसकी बात सुनने और उससे सुनने की अनुमति दें। पृथ्वी पर हर सफल व्यक्ति ने ऐसा किया है। ऐसे समय आते हैं जब हमें खुद को शांत करने और परमेश्वर के समय और उसके मार्ग के साथ तालमेल बिठाने की आवश्यकता होती है, और यह एकांत समय के दौरान प्राप्त किया जा सकता है।

हक़ीक़त में इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी वर्तमान परिस्थितियाँ क्या हैं। आप अपनी सफलता के शिखर पर गंभीर संकट का सामना कर रहे होंगे, या यह भी महसूस कर रहे होंगे कि आपने गलत निर्णयों के कारण अपना जीवन बर्बाद कर लिया है। आज आप चाहे जहां भी हों, याद रखें कि आपकी कीमत आपके द्वारा किये गए कार्यों से निर्धारित नहीं होती। आपकी पहचान इस बात में निहित है कि परमेश्वर आपको किस रूप में देखता है, और आपके लिए उसकी आशा और अपेक्षा क्या है। याद रखें, मसीह में, परमेश्वर की क्षमता आपके अंदर कार्य करती है। हो सकता है, कि अब तक, आप अपनी इन्द्रियों के अधीन रहे हों, लेकिन अब समय आ गया है कि आप अपनी आत्मा को ऊपर उठने दें और अपने जीवन पर नियंत्रण करने दें।

यीशु ने, अपने कोठरी में जा कर प्रार्थना करने के बारे में बात की (संदर्भ: मत्ती 6:6)। इसका अर्थ यह है कि, अपने आप को अपने आस-पास के वातावरण से दूर ले जाकर और परमेश्वर की उपस्थिति और पहचान में स्थापित करना। नियमित रूप से एकांत समय बिताने का अभ्यास करें, और आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे कि कैसे परमेश्वर आपके जीवन को नियंत्रित करता है और कैसे आप उसकी सिद्ध इच्छा के साथ तालमेल बिठाते हैं।

प्रार्थना:
प्रिय स्वर्गीय पिता, मैं आपको धन्यवाद देता हूँ इस अद्भुत आशीष के लिए कि आपकी आत्मा हर समय मेरे साथ है। मैं आत्मा में जीवित हूँ, और मैं खुद को पवित्र आत्मा की मिनिस्ट्री के लिए खोलता हूँ। मैं आपसे सुनना चाहता हूँ, और जब मैं आपके साथ एकांत समय बिताता हूँ, तो मैं आपको धन्यवाद देता हूँ कि आपकी आत्मा सभी बातों में मेरा मार्गदर्शन करती है। यीशु के नाम में, आमीन।

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