हम को अपने दिन गिनने की समझ दे कि हम बुद्धिमान हो जाएं॥(भजन संहिता 90:12)

समय एक अद्भुत धरोहर है| यह एक ऐसी धरोहर है जो जब एक बार खो जाती है, दोबारा पायी नही जा सकती| पैसे वापिस आ सकते हैं, सम्पति वापिस आ सकती है, परन्तु एक बार समय खो जाए तो वो वापिस नही आता| ना ही हम समय कि बचत कर के रख सकते हैं, ना हम और समय जुटा सकते हैं| एक व्यक्ति जो कर सकता है वह केवल इतना है कि वह या तो समय का उचित इस्तेमाल कर सकता है या फिर उसे नष्ट कर सकता है|

परमेश्वर ने समय बनाया है, और उसने अलग अलग समय पर अलग अलग अवसर नियुक्त किये है| एक योजना है जो परमेश्वर के पास आपके जीवन के लिए इस वक़्त में है| परन्तु सिर्फ इसलिए कि उसके पास आपके लिए एक योजना है, वह योजना संपन्न हो जाएगी, यह ज़रूरी नही है| उसे आपके हिस्सेदारी, परिश्रम,और विश्वास की आवश्यता है इसे पूरा करने के लिए| वह वक़्त जो पवित्र आत्मा की अगुवाई के बाहर इस्तेमाल किया जाता है वह एक बहुमूल्य रिसोर्स है| यह एक घाटे की बात होती है जब एक व्यक्ति अपना समय बिना पवित्र आत्मा से भरे हुए व्यक्त करता है| आत्मिक एक्टिविटी को नज़रंदाज़ करके अपने दिन को व्यर्थ ना करें| ध्यान रखिये कि आप अपने दिन की शुरुआत पवित्र आत्मा से भर कर करें ताकि आप उस समय का सबसे अच्छा उपयोग कर सकें जो आपको दिया गया है|

प्रार्थना:
प्रिय स्वर्गीय पिता, मैं आपका धन्यवाद करता हूँ मुझे समय का महत्व बताने और समझाने के लिए। आप समय के निर्माता हैं और मैं अपने समय के प्रबंधन के लिए हर दिन आप पर निर्भर रहता हूँ। मैं आपकी आत्मा के लिए धन्यवाद करता हूँ, जो आपने मुझे, जो समय दिया है उसके लिए उत्तम योजना बनाने में मार्गदर्शन करती है। यीशु के नाम में। आमीन!

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