तुम मांगते हो और पाते नहीं, इसलिये कि बुरी इच्छा से मांगते हो, ताकि अपने भोग विलास में उड़ा दो।(याकूब 4:3)
प्रार्थना परमप्रधान के साथ वार्तालाप है। परमेश्वर की संतान होने के नाते प्रार्थना हमारे लिए एक मिनिस्ट्री है। इसलिए आप हर एक चीज़ और हर एक व्यक्ति को परे हटा कर, सिर्फ परमेश्वर को मिनिस्टर कर सकते हैं। बाइबिल कहती है जैसे आप ऐसा करते हैं, आप परमेश्वर को सुगंध भेजते हैं (प्रकाशित वाक्य 5:7,8:2-3)। कोई भी प्रार्थना कर सकता है, पर केवल एक परमेश्वर का पुत्र ही उसे सुगंध भेज सकता है। प्रेरित पतरस ने कहा, “क्योंकि प्रभु की आंखे सत्यनिष्ठ पर लगी रहती हैं, और उसके कान उन की बिनती की ओर लगे रहते हैं, परन्तु प्रभु बुराई करने वालों के विमुख रहता है” (1 पतरस 3:12)
हालांकि, कई परमेश्वर की संतानें हैं जिनकी यह गवाही नही है। वह हमेशा अपनी प्रार्थनाओं का जवाब नही पाते, और इसका कारण हमारे मुख्य वर्स में स्पष्ठ है। मुझे इस वर्स का अम्प्लिफायद बाइबिल अनुवाद, बहुत पसंद है, “तुम परमेश्वर से कुछ मांगते हो और तुम्हे मिलता नहीं, क्योंकि तुम गलत इरादों से मांगते हो, स्वार्थी और असत्यानिष्ठ अभिलाषाओं के लिए, ताकि जब तुम पाओ तो अपनी स्वार्थी इच्छाओं पर उड़ा दो” (याकूब 4:3)
कुछ लोग हैं जो तभी प्रार्थना करते हैं जब उन्हें पैसों की ज़रूरत हो, इसलिए नही ताकि वह परमेश्वर के राज्य में हिस्सेदार बने, बल्कि इसलिए की वह एक शानदार ज़िन्दगी जी सकें। और इसलिए उन्हें अपनी प्रार्थनाओं का जवाब कभी नही मिलता। और कई दुसरे होते हैं जो अपने पति या पत्नी के उद्धार के लिए प्रार्थना करते हैं, इसलिए नहीं क्योंकि उद्धार ज़रूरी है बल्कि इसलिए ताकि उनका चर्च आना आसान हो जाये। और कई दुसरे हैं जो उधारी, रोग, बिमारी से बाहर आने की प्रार्थना करते हैं, इसलिए नहीं की वह परमेश्वर की सेवा अपने जीवन से कर सकें बल्कि इसलिए की वह अपनी ज़िन्दगी का मज़ा उठा सकें। यह सब स्वार्थी प्रार्थनाएं हैं। ऐसी प्रार्थनाएं सुनी नही जाती। इसलिए नही क्योंकि; परमेश्वर आपको अमीर, खुश या आनंदित नही चाहता, पर क्योंकि आपकी स्वार्थी इच्छाएं, आपकी प्रार्थना को मैला कर देती हैं। अगर आप वह बनने की प्रार्थना करें जो परमेश्वर चाहता है कि आप बने तो, आपको आपके हृदय की हर एक इच्छा मिलेगी, क्योंकि उसकी योजना हमेशा आपकी योजना से बेहतर होती है।
परमेश्वर एक ऐसा व्यक्तित्व है, जो आपके हृदय से संबंध रखता है। वह आपके प्रार्थना के पीछे का कारण और सोच बहुत अच्छे तरीके से जानता है। ऐसा नीचा जीवन जीने से इनकार कीजिए जहां आप परमेश्वर से तभी बात करें जब आपको उससे कुछ चाहिए। उससे प्रार्थना कीजिए क्योंकि आप उससे प्रेम करते हैं और उसके साथ चलना चाहते हैं; अमीर बनने की इच्छा रखिए ताकि आप दूसरों की ज़िन्दगी में एक आशीष बन सकें, ताकि आप परमेश्वर के राज्य के लिए बहुत बड़ी चीजें कर सके। और जैसे आप उसके साथ चलेंगे जीवन में हर एक चीज़ जिसकी आपको ज़रूरत है, आपकी हो जाएगी आपके सोचने से भी पहले। यही वह उच्च जीवन है जिस में परमेश्वर ने हमें बुलाया है, मसीह यीशु में।
घोषणा:
मैं एक खोखला जीवन जीने से इनकार करता हूँ। मैं एक आशीष हूँ और निरंतर प्रार्थना करता हूँ कि मैं इस दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए परमेश्वर के साथ अपनी हिस्सेदारी में बढ़ता जाऊं। मैं अपना जीवन स्वार्थी इच्छाओं से ऊपर जीता हूँ, धन्यवाद पिता मुझे यह श्रेष्ठ मानसिकता सिखाने के लिए। आपको महिमा मिले सदा के लिए!