जिसके कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है॥ (प्रकाशित वाक्य 3:22)
क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आप किसी गलत काम में पड़ गए हों, और आपको अपने अंदर से सही रास्ता बताते हुई एक आवाज सुनाई दी हो? वह परमेश्वर की आवाज़ है, जो आपका मार्गदर्शन करती है।
परमेश्वर की संतान के रूप में आपकी पुनर्निर्मित मानव आत्मा पवित्र आत्मा के साथ एकता में है, जो आप में रहने आई है। वह आपकी आत्मा से बात करता है और आपका ध्यान आकर्षित करता है और अपनी सत्यनिष्ठा में आपका मार्गदर्शन करता है। आपका काम हमेशा उस आवाज़ का जवाब देना है और उससे दूर भागना नहीं। जब कोई परमेश्वर की आवाज को नजरअंदाज करता है वह अंततः उसकी आवाज सुनना बंद कर देगा। आपके लिए आत्मा में चलने हेतु, यह अनिवार्य है कि आप हमेशा उसकी आवाज़ का जवाब दें और उस रास्ते का पालन करें जो वह आपके सामने रखता है। अपको अपनी समझ का सहारा नहीं लेना बल्कि परमेश्वर की आवाज पर भरोसा करना है (संदर्भ, नीतिवचन 3:5)।
जितना अधिक आप उसकी आवाज़ का जवाब देंगे, आत्मा में चलते हुए पृथ्वी पर आपकी यात्रा उतनी ही अधिक महिमामय होगी। उसकी आवाज को कभी भी नजरअंदाज न करने का सचेत निर्णय लें, चाहे उस पर चलना कितना भी कठिन या मुश्किल क्यों न लगे। अंतिम परिणाम हमेशा आनंद और महिमा से भरा होगा।
प्रार्थना:
अनमोल पिता, आत्मा में चलने का मार्गदर्शन करने के लिए धन्यवाद। मैं अपनी समझ पर निर्भर नहीं हूं बल्कि आपकी आवाज पर भरोसा करता हूं और चाहे कुछ भी हो, मैं उसका पालन करता हूं। मैं बढ़ता हूं, सशक्त होता हूं और महिमा से महिमा तक जाता हूं जैसे मैं आपकी आवाज का अनुसरण करता हूं। आमीन।