और वे मेम्ने के लोहू के कारण, और अपनी गवाही के वचन के कारण, उस पर जयवंत हुए, और उन्होंने अपने प्राणों को प्रिय न जाना, यहां तक कि मृत्यु भी सह ली। (प्रकाशित वाक्य 12:11)
एक छल जिसका इस्तेमाल शैतान करता है परमेश्वर के संतानों के विरुद्ध, ताकि वह उन्हें परमेश्वर के आशीषों से धोखे से बाहर कर सके, वह है उनके मन में उन चीजों के विषय में संदेह या सवाल डालना जो परमेश्वर ने उनके लिए किया है| यह ठीक वैसे है जैसा यीशु के साथ हुआ था जॉर्डन में उसके बप्तिस्में के बाद| परमेश्वर ने स्वर्ग से कहा था, “यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिस से मैं अत्यन्त प्रसन्न हूं” (मत्ती 3:17)| उसके तुरंत बाद, शैतान यीशु के पास आया और उससे पूछा, “यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो कह दे, कि ये पत्थर रोटियां बन जाएं” (मत्ती 4:3)| उसने परमेश्वर के वचन को चुनौती देने वाला सवाल किया जो परमेश्वर ने यीशु के विषय में कहा था| पर प्रभु ज्यादा चतुर था, उसने शैतान को वचन के द्वारा दूर भगा दिया| यही आपको करने की ज़रूरत है, जब शैतान अपने झूठ और धोखे लेकर आपके सामने आता है; उसके खिलाफ वचन का इस्तेमाल कीजिये|
कुछ मसीह अपने आप को ऐसी परिस्थिति में पाते हैं, जब गवाही देने के ठीक बाद या किसी भविष्य निश्चय वाणी को प्रभु से पाने के ठीक बाद, सब कुछ उलट पलट होता दिखने लगता है| उदाहरण के लिए, किसी ने चंगाई पाई और उसने सबके सामने इस चमत्कार की गवाही दी| उसके थोड़े दिनों बाद, उसे वह चिन्ह दिखने लगे जिसे वह पहले महसूस करता था, और वह और बिगड़ गया| यह एक दुश्मन का वार है, परमेश्वर ने जो आपके जीवन में किया है उसके ऊपर आपके आश्वासन की परीक्षा लेने के लिए| ऐसे समय में, आपको अपनी गवाही बनाये रखने की ज़रूरत है| आप अपनी विजय कि गूंज को बनाये रखते हैं और उन झूठे चिन्हों को आपको आपकी चंगाई से दूर ले जाने नही देते| शैतान के झूठ को अपनी गवाही के शब्दों से हरा दीजिये|
प्रार्थना:
प्रिय पिता, मैं आपके वचन के लिए आपका धन्यवाद करता हूँ, जो कभी नही टलता और निर्भर करने योग्य है| मेरा भरोसा परमेश्वर के वचन पर है और मेरा हृदय इस सत्य पर बसा हुआ है कि मैं मसीह यीशु में कौन हूँ- एक विजेता, एक जयवंत, और वह जिसमें दिव्यता बसती और राज करती है| मैं वचन में दृढ़ता से खड़ा होता हूँ शैतान के हर छल के खिलाफ, यीशु के नाम में| आमीन!