तेरे वचन के अंदर आने से प्रकाश होता है; उससे भोले लोग समझ प्राप्त करते हैं। ( भजन संहिता 119:130)

कुछ लोग सोचते हैं अगर उनके पास बाइबिल है तो उनके पास वचन है और उतना ही काफी है| कुछ लोग बाइबिल को अपने तकिये के नीचे रख कर सोते भी हैं, जैसे मानो हर एक चीज़ जो उस में लिखी है अपने आप ही उनके दिमाग में डाउनलोड हो जाएगी| वचन को पढ़ने के प्रति उनका आलस उन्हें इस भ्रम के जीवन तक ले आया है|

परमेश्वर नही चाहता कि आप भ्रम में जीयें, वह चाहता है कि आप वचन के प्रकाश में जियें। परमेश्वर का वचन ही असली ज्योति है (संदर्भ युहन्ना 1:9), जो हर एक चीज़ के बारे में सच्चाई को उजागर करती है| यह उजागर करती है कि आप असल में कौन हैं, और आप क्या कर सकते हैं, और मसीह में आपकी विरासत क्या है। जब आप वचन को अपनी आत्मा को ज्योतिर्मय करने देंगे, आपके इर्द गिर्द नकारात्मक परिस्थितियां हट जाएंगी, और परमेश्वर की महिमा और बहुतायत का प्रावधान आपके सामने साक्षात हो जाएगा।

हमारा मुख्य वर्स केवल यह नहीं कहता कि, “परमेश्वर का वचन प्रकाश देता है”; बल्कि, परमेश्वर के वचन का “अंदर आना” प्रकाश देता है। इसलिए बाइबिल के पन्नों में वचन का होना ही पर्याप्त नहीं है, उसे आपकी आत्मा में प्रवेश करना होगा। जब यह आपकी आत्मा में प्रवेश करता है, तो आपको प्रकाश और समझ प्राप्त होती है! अचानक, आप चीज़ों को वैसे ही देखने लगते हैं जैसे परमेश्वर उन्हें देखता है, और आप अपने जीवन में महिमा को देखना शुरू कर देते हैं। हल्लेलुयाह!

प्रार्थना:
प्रिय पिता, आपके वचन का प्रवेश मुझे प्रकाश देता है, मैं आपके वचन के लिए आपको धन्यवाद देता हूं। मैं अपने आप को आपके वचन के प्रति समर्पित करता हूँ जो मुझे बनाने में सक्षम है। मैं वचन का अध्ययन करता हूँ और वचन के अनुसार जीवन जीकर उसे अपने जीवन में स्पष्ट करता हूँ, यीशु के नाम में। आमीन!

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