और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करनेवाले यीशु की ओर आंखें लगाए रहें। जिसने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्जा की कुछ चिन्ता न करके क्रूस का दुख सहा, और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा। (इब्रानियों 12:2)
क्या आपने कभी किसी पौधे को किसी गमले से उखाड़कर किसी अन्य बेहतर गमले में लगाया है या उसे पूरी तरह से किसी अन्य स्थान पर लगाया है? ऐसा अक्सर सड़ रहे पौधे को पुनर्जीवित करने या पौधे की वृद्धि और उत्पादकता में मदद करने के लिए किया जाता है। मूल रूप से, इसका उद्देश्य इसे एक नया जीवन और खिलने के लिए एक नया वातावरण देना होता है।
एक मसीही के रूप में, आपको भी खुद को ऐसे सभी वातावरण से अलग करने की ज़रूरत है जिसकी जड़ मसीह में नहीं है। कई मसीह इसलिए कष्ट भोगते हैं क्योंकि वे गलत वातावरण में हैं; वे गलत माहौल में हैं, वे गलत दोस्ती में हैं, गलत नौकरियों में हैं और अक्सर गलत आदतों में भी पड़ जाते हैं।
जब आपने यीशु मसीह को अपने प्रभु के रूप में ग्रहण किया, तो आपको संसार से बाहर निकाल लिया गया और परमेश्वर के प्रिय पुत्र के राज्य में लाया गया; यह जड़ से उखाड़ने के समान हुआ और आप न केवल फिर से निहित किए गए, बल्कि मसीह में पुनर्निर्मित हुए। आज आपका अपने पुराने मनुष्यत्व से कोई सम्बन्ध नहीं है (संदर्भ 2 कुरिन्थियों 5:17)। इसलिए आपको अपने जीवन से ऐसी हर चीज़ को काट देना सीखना चाहिए, जो परमेश्वर के वचन से नहीं है। मसीह यीशु में अपनी दिव्य विरासत के साथ जुड़ने के लिए आपको खुद को डिस्कनेक्ट करना होगा। मृत्यु, बीमारी, रोग और अंधकार की हर चीज आपके शरीर पर शासन नहीं कर सकती और ना ही करनी चाहिए, क्योंकि आपके मानव जीवन को परमेश्वर के दिव्य जीवन ने प्रतिस्थापित कर दिया है। पर ऐसा तभी होता है जब आप सचेत रूप से खुद को इस संसार और इसके तत्वों से डिस्कनेक्ट कर लेते हैं।
इसलिए, अपनी दृष्टि केवल यीशु पर ही केंद्रित रखें। अपने आप को केवल उसी में निहित करें। वही एकमात्र सत्य, एकमात्र मार्ग और एकमात्र जीवन है। हल्लेलुयाह
प्रार्थना:
अनमोल स्वर्गीय पिता, मुझे मसीह यीशु में दिव्य जीवन देने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूँ। मैं इस अद्भुत जीवन से अवगत हूं और मैं यीशु मसीह के सुसमाचार की आशीषों की परिपूर्णता में चलता हूं। मैं न केवल उसके जीवन का एक वाहक हूँ बल्कि उसके जीवन और महिमा का भागीदार भी हूँ। यीशु के नाम में। आमीन!