और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया। (इफिसियों 2:6)
आप सभी को पुनरुत्थान के दिन की बधाईयाँ!यह दिन बहुत ही स्पेशल है, यीशु ने मृत्यु को हराया, और वह पहला व्यक्ति बना जो नया जन्मा (प्रकटीकरण 1:5)| मसीह यीशु में हमारा जीवन यीशु मसीह के जन्म से शुरू नही होता, नाही यह उसकी मृत्यु से शुरू होता है| मसीहत की शुरुआत प्रभु यीशु मसीह के पुनरुत्थान से होती है| जब वह मरे हुओं में से जी उठा हम उसके साथ जी उठे|यह दिन सिर्फ यीशु के पुनरुत्थान को मानाने के बारे में ही नही है, बल्कि यह इस बात का उत्सव है कि मानवजाति ने मृत्यु और अँधेरे की गुलामी के ऊपर विजय पा ली है| साथ ही, यह इस बात का उत्सव है कि परमेश्वर का जीवन मानवजाति के लिए उपलब्ध है ताकि वह मानवजाति न रहे बल्कि ईश्वरीय जाती के हो जाएं|
ईस्टर परमेश्वर के मनुष्य के ओर प्रेम की सम्पूर्णता है, और इस दिन में जो सन्देश परमेश्वर की आत्मा आपके लिए ला रही है वह 2 कुरुन्थियों 5:14-15: क्योंकि मसीह का प्रेम हमें विवश कर देता है; इसलिये कि हम यह समझते हैं, कि जब एक सब के लिये मरा तो सब मर गए। और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा। यीशु ने भुमसे इतना प्रेम किया कि वह बिना किसी शर्त के हमारे लिए मर गया| आज जब आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलें मिठाई और तोहफों के साथ उन्हें ईस्टर की बधाई देने के लिए, सही तरीका उन्हें बधाई देने का होगा उन्हें सच्चे ज्ञान में लाना और पुनरुत्थान का असल मतलब समझाना|
प्रशंसा:
पिता, मैं अपने जीवन के ईस्टर के लिए आपकी स्तुति करता हूँ| मैं आपका धन्यवाद करता हूँ कि आपने मुझे मसीह यीशु के साथ उठाया और आज मैं उसके साथ बैठा हूँ महिमा के स्थान में| मेरे जीवन का एक उद्देश्य और मकसद है| जो जीवन मैं आज पृथ्वी पर जीता हूँ आपके और आपके महिमा के लिए है आपके नाम की महिमा हो, ओ महान परमेश्वर!