हे मूर्खों, और अन्धों, कौन बड़ा है, सोना या वह मन्दिर जिस से सोना पवित्र होता है? (मत्ती 23:17)
कुछ ऐसे हैं जो बहुत सारा धन पाते हैं पर उनका धन हर बार ख़त्म हो जाता है| और कुछ ऐसे भी हैं जो बहुत सारा धन बचाते हैं पर वह कभी नही बढ़ता| धन पाना मूल बात नही है, हर कोई धन पाता है क्योंकि परमेश्वर विश्वसनीय है| जो चीज़ मायने रखती है वह ये है कि जब परमेश्वर आपको धन देता है तब आप धन को कैसे मैनेज करते हैं| धन को हैंडल करने के वक़्त आपकी क्या प्राथमिकताएं होती हैं? धन इस्तेमाल करने के लिए है, पर आप उसका इस्तेमाल कैसे करते हैं यह बहुत अहम बात है| नीचे वह प्राथमिकता चार्ट है जो समझता है कि आपको अपना धन मैनेजमेंट कैसे करना चाहिए|
सबसे पहले परमेश्वर आता है, फिर आता है परिवार, फिर आता है काम-काज, और अगली महत्वपूर्ण चीज़ है भविष्य में देने के लिए बचाना| इफिसियों 4:8 हमें सिखाता है कि, हमें काम करना और कमाना चाहिए ताकि हमारे पास सदा देने के लिए हो| देना ही कमाने का असली मकसद है| सबसे पहले आप परमेश्वर को देते हैं आराधना की तरह; आप अपने निष्ठा को दर्शाते हैं दशवांश को लौटा कर और बीजो और हिस्सेदारी को राज्य में दे कर| फिर आता है आपका परिवार, आपका परिवार परमेश्वर द्वारा दी गयी एक ज़िम्मेदारी है| आपके माता-पिता, आपके जीवन साथी, बच्चे और आपके अन्य परिवार के लोग जो आप पर निर्भर करते हैं| आपको उन्हें देखना है और उनकी ज़रूरतों के लिए देना भी है| परमेश्वर चाहता है कि आप उनके लिए उसका माध्यम बने| फिर आता है आपका काम काज, आपको बुद्धिमता के साथ आपके काम में निवेश करना चाहिए ताकि आप उसे और बड़ा बना सके और अपने काम में श्रेष्ठता दर्शा सकें|
और आखिरकार आता है बचाना, बचाना इसलिए ताकि जिस वक़्त आपको राज्य के लिए देना हो आप दे सकें और खुद को लेटेस्ट अनुग्रह से जोड़ सकें| अगर ऊपर लिखी हुई बाते जीवन के लिए धन के प्रति, आपका रवैया बने, तो आपको कभी भी धन कि कमी नही होगी| वह आपके पास हर एक अनुग्रह को भरने में सामर्थी है ताकि आपके पास हर एक वक़्त अच्छे कामों के लिए भरपूरी से हो!
प्रार्थना:
प्रिय पिता, मैं आपका धन्यवाद करता हूँ मुझे अपना धन हैंडल करना सिखाने के लिए| मेरा अपने जीवन के हर स्रोत के प्रति सही रवैया है| मैं आपको सबसे पहला स्थान देता हूँ और आपका धन्यवाद करता हूँ मेरी सोच को सही दिशा देने के लिए| मैं आप से प्रेम करता हूँ और आपके लिए जीता हूँ। येशु के नाम में ।आमीन!