क्योंकि जो कोई मांगता है, उसे मिलता है; और जो ढूंढ़ता है, वह पाता है; और जो खटखटाता है, उसके लिये खोला जाएगा। (लुका 11:10)

परमेश्वर कभी भी अपने बच्चों की प्रार्थना का जवाब देने में समय नही लगाता | 2 कुरिन्थियों 1:20, हमें दिखाता है कि परमेश्वर का जवाब हमेशा हाँ और आमीन होता है| धार्मिक दिमाग इसे कभी समझ नही पाता|कुछ लोग अपनी प्रार्थनाओं के जवाब की उम्मीद ही नही करते क्योंकि उन्हें अपने सारे पाप और हार याद आ जाते हैं जैसे ही वे प्रार्थना करना शुरू करते हैं| आत्म-निंदा और शक आपकी प्रार्थना के बाद की उपलब्धि को समझने की क्षमता को ही बर्बाद कर देता है|

परमेश्वर हमारी प्रार्थनाओं का जवाब तुरंत देता है, पर यह हमारे ऊपर है की हम खुद को तैयार करें उसे ग्रहण करने के लिए जिसे परमेश्वर ने हमारी प्रार्थना के बाद हमें दिया| बहुत सारे तभी हार मान लेते हैं जब वे अपने चमत्कार के सबसे करीब होते हैं| ऐसा नही है कि परमेश्वर ने जवाब नही दिया बल्कि ये वो हैं जो उसके जवाब को ग्रहण नही कर पाए| परेशानी परमेश्वर के साथ नही है कि एक व्यक्ति को उसे मनाने की ज़रूरत है देने के लिए, बल्कि यह इस बारे में है कि आप ने अपने विश्वास के जीवन का कितना अभ्यास किया है वह पाने के लिए जो उसने आपको आपकी प्रार्थना के बाद दिया|

इस चेतना में जियें कि आपके पास वह है जिसके लिए आपने प्रार्थना की है|

घोषणा:
मेरा हृदय परमेश्वर से ग्रहण करने के लिए खुला हुआ है, मैं उसके वचन पर तुरंत कार्य करता हूँ| आज, अपनी विश्वास की घोषणा के द्वारा, मैं अपनी दुनिया बना रहा हूँ और अपने जीवन की परिस्थितियों को मेरे लिए परमेश्वर की सिद्ध इच्छा में सिंक कर रहा हूँ| परमेश्वर की महिमा हो!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *