इसलिये हम उसके द्वारा स्तुति रूपी बलिदान, अर्थात उन होठों का फल जो उसके नाम का अंगीकार करते हैं, परमेश्वर के लिये सर्वदा चढ़ाया करें। (इब्रानियों 13:15)
मसीह यीशु में, परमेश्वर ने हमें अपना शाही याजक बनाया है। एक सबसे महत्वपूर्ण कार्य जो शाही याजक का होता है वह है परमेश्वर की सेवा, कुर्बानी देकर करना। आत्मिक तौर पर हम से यही करने की उम्मीद की जाती है। पुराने नियम में, वे जानवरों को काट के उन्हें शारीरिक कुर्बानी की तरह देते थे। मसीह ने हमें उस दुनियाबी स्तर से ऊपर उठाया है और परमेश्वर के आत्मिक याजकत्व में लाया गया है। एक आत्मिक तरीके की कुर्बानी है जो किसी भी शारीरिक कुर्बानी से ऊपर है। वह है प्रशंसा, प्रतिज्ञान और गवाही के शब्द जो हम परमेश्वर को बोलते हैं; यही आत्मिक कुर्बानी के तरीके हैं। यह आत्मिक है क्योंकि यह पवित्र आत्मा के माध्यम से किये जाते हैं। जो मसीह यीशु में नए जन्में नही वे पवित्र आत्मा के द्वारा यह आत्मिक कुर्बानी परमेश्वर को देने के लायक नही हैं।
आत्मिक कुर्बानी के द्वारा परमेश्वर की सेवा करना एक सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है जो एक परमेश्वर की संतान के जीवन में होती है। इसकी एक महान आशीष है और बहुत सारे फायदे भी। सबसे पहले, तो यह एक गौरव और सम्मान की बात है कि हम परमेश्वर द्वारा ही चुने गए हैं उसके लिए, और वह हमारी सेवा को ग्रहण करता है। निरंतर आत्मिक कुर्बानी देने के द्वारा, हम अपने जीवन के उद्देश्य को पूरा करते हैं और इसलिए भरपूरी का अनुभव कर पाते हैं। हर एक घोषणा और प्रशंसा या धन्यवाद के शब्द जो हम बोलते हैं वह पवित्र आत्मा के द्वारा परमेश्वर तक पहुंचाई जाती हैं और परमेश्वर हमें और अनुग्रह देता है और हमें अत्यधिक क्षमता देता है जीवन में और ज्यादा करने के लिए।
परमेश्वर को अपने जीवन में हर एक वक़्त सराहने की एक आदत बनाइए। उसे बताइए कि वह आपके जीवन में कितना सुन्दर और चमत्कारी है। उसकी सुन्दरता और चमत्कार आपके जीवन में और ज्यादा बढ़ते जाएँगे जैसे आप उसे प्रशंसा और धन्यवाद की कुर्बानी देते रहेंगे।
प्रार्थना:
पिता, मैं आपका धन्यवाद करता हूँ मुझे इस आत्मिक विरासत का ज्ञान देने के लिए। यह मेरी एक विरासत है कि मैं मसीह यीशु में एक शाही महा याजक हूँ और कुर्बानी देने का सौभाग्य मुझे मिला है। पिता, आप मेरे जीवन में बहुत अद्भुत हैं, मेरे जीवन में बहुत सुन्दर हैं। आप में मेरा सब कुछ है और आपके साथ मैं कुछ भी कर सकता हूँ। धन्यवाद की आप ने मेरा जीवन इतना सुन्दर और भरपूर बनाया है। महिमा हो!