हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे! हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना। वही तो तेरे सब अधर्म को क्षमा करता हैं, और तेरे सब रोगों को चंगा करता है, वही तो तेरे प्राण को नाश होने से बचा लेता है, और तेरे सिर पर करूणा और दया का मुकुट बान्धता है, वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है, जिस से तेरी जवानी उकाब की नाईं नई हो जाती है॥ (भजन संहिता 103: 1-5)
जैसे इस साल के परदे गिर रहे हैं, और हम एक नए साल का स्वागत करने की तैयारी कर रहे हैं, यह समय है की हम इस साल में एक आभारी हृदय के साथ वापिस झांके l
इस साल आप बढ़ाए गए है ज्ञान में, कद में और अनुग्रह में l आपने और उन्नति की है और अपने प्रभाव में बढ़ाए गए हैं l यह उल्लास मनाने की बात है, यह प्रभु को हृदय से धन्यवाद देने की बात है l
नए साल को एक आभारी हृदय के साथ शुरू कीजिए l गलत सोच, गलत धारणा, डर और कटुता को अपने अंदर से मिटा दीजिए l याद रखिए कि प्रभु ने आपके लिए क्या किया है l दृढ़ निश्चय कीजिए कि आप उसके पीछे चलेंगे, पहले से कई ज्यादा गंभीरता के साथ l
जैसे आज हम अपने वार्षिक उपवास को करते हुए आगे बढ़ते हैं, आज कुछ वक्त निकाल कर खास तौर पर परमेश्वर का धन्यवाद कीजिए हर उस उपलब्धि के लिए जो आपने इस साल पाई है, यही वचन हमें सिखाता है l “हे यहोवा परमेश्वर मैं अपने पूर्ण मन से तेरा धन्यवाद करूंगा; मैं तेरे सब आश्चर्य कर्मों का वर्णन करूंगा। मैं तेरे कारण आनन्दित और प्रफुल्लित होऊंगा, हे परमप्रधान, मैं तेरे नाम का भजन गाऊंगा l” (भजन संहिता 9:1-2)
प्रशंसा:
अमूल्य पिता आप अनुग्रही, दयालु और परोपकारी हैं! महान है आपके सभी कार्य, आपका नाम युगानूयुग तक ऊंचा रहता है! मैं आपकी पवित्रता की स्तुति करता हूं! मैं आपकी महिमा की अराधना करता हूं! आपके अलावा और कोई भी नही है! धन्यवाद मुझे अपना बनाने के लिए।