इसलिये कि जितने लोग परमेश्वर के आत्मा के चलाए चलते हैं, वे ही परमेश्वर के पुत्र हैं। (रोमियों 8:14)

एक निश्चित समय पर परमेश्वर ने फिलिप को कहा कि वह रेगिस्तान की तरफ दौड़े येरुसलेम से गज़ा की ओर| परमेश्वर समय और पथ के बारे में निश्चित था| जब फिलिप ने परमेश्वर के आदेश का पालन किया वह कूश देश के खजांची से मिला और उसने उसे सुसमाचार बांटा और इस तरह सुसमाचार अफ्रीका पहुंचा| यह सब परमेश्वर की योजना थी जो उसने फिलिप द्वारा संपन्न की| यही पॉइंट है, फिलिप परमेश्वर की आत्मा की अगुवाई और मार्गदर्शन की ओर संवेदनशील था| उसने समय नष्ट नही किया ना ही इस आदेश को टाला बल्कि समय पर इसके ऊपर कार्य किया|

कई लोग है जो परमेश्वर की आत्मा के प्रति असंवेदनशील होने के कारण अपना चमत्कार, जॉब, प्रोजेक्ट, महत्वपूर्ण दिव्य संपर्क इत्यादि खो देते हैं| यह दुर्घटना अपने साथ मत होने दीजिये| वचन पर चलने का अभ्यास कीजिये जब वह आपके पास अलग अलग तरीकों से पहुंचता है , क्योंकि यही तरीका है आत्मा के समय की ओर संवेदनशील होने का|

प्रशंसा:
धन्यवाद कि आपका वचन मेरे जीवन में सदा मौजूद है! आपका वचन मुझे मार्गदर्शित करता है, आपका वचन मुझे बढाता है| मैं आपकी आत्मा के लिए आपका धन्यवाद करता हूँ और मैं अपने आप को रोज़ और ज्यादा सौंपता हूँ| मैं आप से प्रेम करता हूँ और अपना जीवन आपके लिए जीता हूँ

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