…हे यहूदा, और हे यरूशलेम के निवासियो, मेरी सुनो; अपने परमेश्वर यहोवा पर विश्वास रखो, तब तुम स्थिर रहोगे; उसके नबियों की प्रतीति करो, तब तुम समृद्ध होगे। (2 इतिहास 20:20)
2 राजा 5 में हम नामान के बारे में पढ़ते हैं, जो सीरिया के राजा की सेना का सेनापति था, वह एक महान व्यक्ति था जिसका बहुत सम्मान किया जाता था, वह एक वीर पुरुष था, परन्तु वह एक कोढ़ी था। अपनी दासी से इस्राएल के भविष्यद्वक्ता एलीशा के बारे में सुनकर, वह विश्वास के साथ चंगा होने के लिए उसके पास गया। लेकिन, भविष्यद्वक्ता एलीशा ने उससे मुलाकात नहीं की, बल्कि उसने अपने सेवक के माध्यम से नामान को यह संदेश भेजा: “…जाकर यरदन में सात बार डुबकी मार, तब तेरा शरीर ज्यों का त्यों हो जाएगा, और तू शुद्ध होगा” (2 राजा 5:10)। शुरू में तो वह एलीशा पर क्रोधित था क्योंकि उसने उससे सीधे मुलाकात नहीं की थी, लेकिन अंततः जब उसे विश्वास हो गया तो उसने भविष्यद्वक्ता के निर्देशों का पालन किया, और जब उसने यरदन में सातवीं बार डुबकी लगाई, तो बाइबल कहती है: “…उसका शरीर छोटे बच्चे सा हो गया, और वह शुद्ध हो गया” (2 राजा 5:14)। यही अभिषिक्त के निर्देशों का पालन करने की सामर्थ है।
कल्पना कीजिए कि यदि नामान क्रोधित रहता, तो वह चमत्कार से चूक जाता। आज, कई लोगों के साथ यही ट्रेजेडी है, जब वे किसी विशेष मामले में अपना विश्वास लगाते हैं और प्रार्थना करते हैं; तो परमेश्वर उन्हें अपने जन के माध्यम से निर्देश भेजता है, लेकिन वे अक्सर इसे स्वीकार करने से इंकार करते हैं। इसलिए वे अपने चमत्कार से चूक जाते हैं। ऐसा आपके साथ न होने पाये।
आपके विश्वास की प्रार्थना के बाद जो निर्देश आता है, वह सदैव आपके विश्वास के प्रति परमेश्वर का उत्तर होता है। यह सुनिश्चित करें कि आप इस से ना चूकें। अभिषिक्त जन से मिलनेवाले निर्देशों को अहमियत दीजिए।
प्रार्थना:
प्रिय पिता, मुझे अपने विश्वास को कार्यान्वित करने के लिए निर्देश की सामर्थ सिखाने के लिए धन्यवाद। मैं अपने अभिषिक्त जनों से मिलने वाले हर निर्देश का पालन करने का संकल्प लेता हूँ। मेरा विश्वास परमेश्वर के राज्य को महिमा प्रदान करने वाले परिणाम उत्पन्न करता है, यीशु के नाम में। आमीन!