आपकी जड़ें: निर्भर करने योग्य

उसके परमेश्वर की व्यवस्था उसके हृदय में बनी रहती है; उसके पैर कभी फिसलने नहीं पाते। (भजन संहिता 37:31) कुछ जड़ें ऐसी होती हैं जो पौधों के भविष्य के विकास के लिए भोजन को इकट्ठा करते हैं। वे अपने अंदर लगातार भोजन और पोषण जमा करते हैं। वे मौसम में निर्भर करने योग्य होते हैं […]

आपकी जड़ें: डिस्कनेक्ट करें

और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करनेवाले यीशु की ओर आंखें लगाए रहें। जिसने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्जा की कुछ चिन्ता न करके क्रूस का दुख सहा, और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा। (इब्रानियों 12:2) क्या आपने कभी किसी पौधे को किसी गमले से उखाड़कर किसी अन्य […]

आपकी जड़ें: पोषण

पर कुछ अच्छी भूमि पर गिरे, और फल लाए, कोई सौ गुना, कोई साठ गुना, कोई तीस गुना। जिसके कान हों वह सुन ले। (मत्ती 13:8-9) जड़ें पौधों के लिए पोषण लाने का एक स्रोत हैं। जड़ें वह एजेंट हैं जो भूमि से खनिज और पोषण निकालती हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि पौधे की […]

आपकी जड़ें: भूमि

पर कुछ अच्छी भूमि पर गिरे, और फल लाए, कोई सौ गुना, कोई साठ गुना, कोई तीस गुना। जिसके कान हों वह सुन ले। (मत्ती 13:8-9) विभिन्न पौधों और पेड़ों को बढ़ने और फलने-फूलने के लिए अलग-अलग प्रकार की भूमि की आवश्यकता होती है। बीज को पूर्ण परिपक्वता तक पहुंचने के लिए भूमि या मिट्टी […]

आपकी जड़ें

तुम मुझ में बने रहो, और मैं तुम में: जैसे डाली यदि दाखलता में बनी न रहे, तो अपने आप से नहीं फल सकती, वैसे ही तुम भी यदि मुझ में बने न रहो तो नहीं फल सकते। (यूहन्ना 15:4) जड़ें पेड़ की ताकत और पोषण निर्धारित करती हैं। जड़ों की गहराई ही पेड़ की […]