मूसा के जीवन से सबक
मूसा तो उसके सारे घर में सेवक की नाईं विश्वास योग्य रहा, कि जिन बातों का वर्णन होने वाला था, उन की गवाही दे। (इब्रानियों 3:5) मूसा को 80 वर्ष की आयु में मिस्र के फिरौन के हाथों से इस्राएल को छुड़ाने के लिए परमेश्वर ने बुलाया था। एक ऐसी उम्र जिसे कई लोग अपने […]
सीखने के प्रति आपका दृष्टिकोण
धन्य है वह मनुष्य जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता, न पापियों के मार्ग में खड़ा होता, न ठट्ठा करनेवालों की मण्डली में बैठता। परन्तु वह तो यहोवा की व्यवस्था से प्रसन्न रहता है, और उसकी व्यवस्था पर रात दिन मनन करता रहता है। वह उस वृक्ष के समान है जो बहती नदियों के […]
शास्त्रों के प्रति आपका दृष्टिकोण
सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और सत्यनिष्ठा की शिक्षा के लिये लाभदायक है। ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्पर हो जाए। (2 तीमुथियुस 3:16-17) हमारा मुख्य वर्स एक सुन्दर सत्य को उजागर करता है कि सभी शास्त्र […]
परमेश्वर के भवन की ओर आपका दृष्टिकोण
और मैं इस पत्थर पर अपनी कलीसिया बनाऊंगा: और अधोलोक के फाटक उस पर प्रबल न होंगे।( मत्ती 16:18) परमेश्वर का चर्च मसीह के शरीर का हृदय है।परमेश्वर के भवन के प्रति आपका दृष्टिकोण मायने रखता है। ऐसे लोग हैं जो यह कहने में गर्व महसूस करते हैं कि वे चर्च नहीं जाते हैं और […]
सत्य को मोल लेना
सच्चाई को मोल लेना, बेचना नहीं; और बुद्धि और शिक्षा और समझ को भी मोल लेना। (नीतिवचन 23:23) परमेश्वर सबसे अच्छा व्यक्तित्व है हमें यह सिखाने के लिए कि जीवन में सफल कैसे हो सकते हैं| परमेश्वर की बुद्धिमता कुछ समय दुनिया के लिए बेवकूफी होती है| यह मनुष्य के समझ से परे है और […]
वचन का दृष्टिकोण
तेरे वचनों के प्रवेश से प्रकाश निकलता है; उस से भोले लोग समझ प्राप्त करते हैं। (भजन संहिता 119:30) परमेश्वर का वचन सर्वशक्तिमान है। इसमें आपको वह बनाने की अंतर्निहित क्षमता है जिसके बारे में यह कहता है। यह आपको वह दृष्टिकोण देता है जो आपको उस उद्देश्य के साथ एक कर देता है जिसके […]
उसने हमारे हृदय में अनन्ता स्थापित की है
उसने हर चीज़ को अपने-अपने समय पर सुंदर बनाया है। उसने मनुष्य के मन में अनादि-अनन्त काल का ज्ञान भी रखा है; फिर भी कोई भी समझ नहीं सकता कि परमेश्वर ने आरम्भ से अन्त तक क्या किया है। (सभोपदेशक 3:11) परमेश्वर ने हमारे हृदय में अनन्ता का ज्ञान डाला है। हर वस्तु जिसकी हम […]
अपनी क्षमता को बढ़ाएँ
इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर भरोसा न रखें, परन्तु जीवते परमेश्वर पर भरोसा रखें, जो हमें सब कुछ बहुतायत से देता है। (1 तीमुथियुस 6:7) दुनिया के लिए क्षमता बढ़ाने का मतलब है, धन इकट्ठा करना और उसको जमा करके रखना। लेकिन बाइबल यह […]
अविनाशी बीज से जन्में
क्योंकि तुम ने नाशमान नहीं पर अविनाशी बीज से परमेश्वर के जीवते और सदा ठहरने वाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है। (1 पतरस 1:23) एक बीज अपने अंदर जीवन, तत्व और स्वभाव रखता है उस पेड़ और फल का, जो वह बड़ा होकर बनेगा। हमारा मुख्य वर्स कहता है कि आप अविनाशी बीज […]
आपकी जड़ें: निर्भर करने योग्य
उसके परमेश्वर की व्यवस्था उसके हृदय में बनी रहती है; उसके पैर कभी फिसलने नहीं पाते। (भजन संहिता 37:31) कुछ जड़ें ऐसी होती हैं जो पौधों के भविष्य के विकास के लिए भोजन को इकट्ठा करते हैं। वे अपने अंदर लगातार भोजन और पोषण जमा करते हैं। वे मौसम में निर्भर करने योग्य होते हैं […]