आत्मिक रूप से आज्ञाकारी बनें: आपकी स्थिति

पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागी होंगे, और उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करेगा। (1 यूहन्ना 1:7) शारीरिक या भौगोलिक स्थिति के विपरीत, आपकी आत्मिक स्थिति आपके विश्वास की स्थिति से निर्धारित होती है। क्या आप परमेश्वर […]

परमेश्वर का वचन बोलता है

पर पहिले यह जान लो कि पवित्र शास्त्र की कोई भी भविष्यद्वाणी किसी के अपने ही विचारधारा के आधार पर पूर्ण नहीं होती। (2 पतरस 1:20) 2 तीमुथियुस 2:15 में, पौलुस ने, तीमुथियुस से बात करते समय उसे मन लगाकर पवित्र शास्त्र का अध्ययन करने के लिए कहा और आगे उसने उससे कहा कि ऐसा […]

सफलता का सबसे बड़ा आत्मिक रहस्य 2

परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा, तो तुम सामर्थ पाओगे, और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे। (प्रेरितों के काम 1:8) परमेश्वर की संतान के रूप में, परमेश्वर ने आपकी आत्मा में पवित्र आत्मा की सामर्थ निवेश की है। परिपक्वता के साथ, आपको अपनी अलौकिक […]

सफलता का सबसे बड़ा आत्मिक रहस्य

परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा, परन्तु जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा। (यूहन्ना 16:13 KJV) मसीह में, आप पवित्र आत्मा से भरे गये हैं। परमेश्वर की आत्मा के बारे में एक सुन्दर बात यह […]

अपनी बुलाहट पर कभी संदेह ना करें

उसी ने हमें नई वाचा के सेवक होने के योग्य भी किया, शब्द के सेवक नहीं वरन आत्मा के; क्योंकि शब्द मारता है, पर आत्मा जिलाता है। (2 कुरिन्थियों 3:6) मसीह जीवन में कई बार जब विश्वासियों और परमेश्वर के सेवकों को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, तो वे अपनी बुलाहट पर संदेह करने […]

आपकी असाधारणता

यहोवा तुझे सिर बनाएगा, पूंछ नहीं। यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञाओं पर ध्यान दे जो मैं आज तुझे देता हूँ और उनका पालन कर, तो तू हमेशा सबसे ऊपर रहेगा, कभी नीचे नहीं। (व्यवस्थाविवरण 28:13) परमेश्वर ने आपको ऐसी चीज़ों के लिए बनाया है जिन्हें आप मानवीय तर्क से कभी नहीं समझ सकते। […]