उसने हमारे हृदय में अनन्ता स्थापित की है

उसने हर चीज़ को अपने-अपने समय पर सुंदर बनाया है। उसने मनुष्य के मन में अनादि-अनन्त काल का ज्ञान भी रखा है; फिर भी कोई भी समझ नहीं सकता कि परमेश्वर ने आरम्भ से अन्त तक क्या किया है। (सभोपदेशक 3:11) परमेश्वर ने हमारे हृदय में अनन्ता का ज्ञान डाला है। हर वस्तु जिसकी हम […]

उसकी मृत्यु और पुनरुत्थान के माध्यम से हमारे पास संगति है।

परमेश्वर विश्वासयोग्य है, जिसके द्वारा तुम्हें उसके पुत्र, हमारे प्रभु यीशु मसीह की संगति में बुलाया गया है॥ (1 कुरिन्थियों 1:9) यीशु मसीह सिर्फ़ आपके जीवन का प्रभु नहीं है, बल्कि वह है जिसमें आपने समृद्ध और गहरी संगति पाई है। यह वही है जो परमेश्वर हमेशा से एक मनुष्य के साथ चाहता था: संगति! […]

परमेश्वर का वचन बोलता है

पर पहिले यह जान लो कि पवित्र शास्त्र की कोई भी भविष्यद्वाणी किसी के अपने ही विचारधारा के आधार पर पूर्ण नहीं होती। (2 पतरस 1:20) 2 तीमुथियुस 2:15 में, पौलुस ने, तीमुथियुस से बात करते समय उसे मन लगाकर पवित्र शास्त्र का अध्ययन करने के लिए कहा और आगे उसने उससे कहा कि ऐसा […]

आत्मिक परिपक्वता: संगति

प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह, और परमेश्वर का प्रेम, और पवित्र आत्मा की सहभागिता तुम सब के साथ होती रहे। आमीन (2 कुरिन्थियों 13:14) हमारे मुख्य वर्स में संगति के लिए अनुवादित शब्द ग्रीक शब्द “(koinonia)कॉइनोनिया” है। इसका अर्थ है गहरी संगति। पवित्र आत्मा के साथ एक गहरी संगति जहां वह आपको महिमा के एक […]