जब आप नहीं जानते कि क्या करना है

क्योंकि जो, अन्य ‘भाषा में बातें करता है; वह मनुष्यों से नहीं, परन्तु परमेश्वर से बातें करता है; इसलिये कि उस की कोई नहीं समझता; क्योंकि वह भेद की बातें आत्मा में होकर बोलता है। (1 कुरिन्थियों 14:2) एक मानव मस्तिष्क और मानवीय क्षमताएं सीमित और परिमित हैं और इसी कारण से, एक प्राकृतिक मनुष्य […]