नहेमायाह के जीवन से सबक।

शहरपनाह के बनाने वाले और बोझ के ढोने वाले दोनों भार उठाते थे, अर्थात एक हाथ से काम करते थे और दूसरे हाथ से हथियार पकड़े रहते थे(नहेमायाह 4:17)। नहेमायाह फारस के राजा का पिलानेहार था। जब उसे यरूशलेम की स्थिति, यरूशलेम के लोगों और मंदिर के बारे में पता चला, उसने यरूशलेम की दीवारों […]

परमेश्वर के भवन की ओर आपका दृष्टिकोण

और मैं इस पत्थर पर अपनी कलीसिया बनाऊंगा: और अधोलोक के फाटक उस पर प्रबल न होंगे।( मत्ती 16:18) परमेश्वर का चर्च मसीह के शरीर का हृदय है।परमेश्वर के भवन के प्रति आपका दृष्टिकोण मायने रखता है। ऐसे लोग हैं जो यह कहने में गर्व महसूस करते हैं कि वे चर्च नहीं जाते हैं और […]

पिता के साथ आपकी संगति!

इसलिये कि जितने लोग परमेश्वर के आत्मा के चलाए चलते हैं, वे ही परमेश्वर के पुत्र हैं। (रोमियों 8:14) मसीह होने के नाते एक सबसे बड़ा तोहफ़ा जो हमने पाया है वो है पिता के साथ, उसकी संतान की तरह संगति करने का सौभाग्य। इससे ज़्यादा क़ीमती इस दुनिया में कुछ भी नहीं है। संगति […]

महानता के लिए खुद को तैयार करें: कोई बहाना नहीं

आलसी कहता है, बाहर तो सिंह होगा! मैं चौक के बीच घात किया जाऊंगा। (नीतिवचन 22:13) किसी भी व्यक्ति की सबसे बुरी आदत बहाने बनाने की आदत होती है। बहानों में सभी संभावनाओं को खत्म करने और किसी भी उम्मीद को खत्म करने की शक्ति होती है। वह मृत्यु के समान हैं – जीवन पर […]