जब आप नहीं जानते कि क्या करना है
क्योंकि जो, अन्य ‘भाषा में बातें करता है; वह मनुष्यों से नहीं, परन्तु परमेश्वर से बातें करता है; इसलिये कि उस की कोई नहीं समझता; क्योंकि वह भेद की बातें आत्मा में होकर बोलता है। (1 कुरिन्थियों 14:2) एक मानव मस्तिष्क और मानवीय क्षमताएं सीमित और परिमित हैं और इसी कारण से, एक प्राकृतिक मनुष्य […]
स्वार्थी प्रार्थनाएं मत कीजिए
तुम मांगते हो और पाते नहीं, इसलिये कि बुरी इच्छा से मांगते हो, ताकि अपने भोग विलास में उड़ा दो।(याकूब 4:3) प्रार्थना परमप्रधान के साथ वार्तालाप है। परमेश्वर की संतान होने के नाते प्रार्थना हमारे लिए एक मिनिस्ट्री है। इसलिए आप हर एक चीज़ और हर एक व्यक्ति को परे हटा कर, सिर्फ परमेश्वर को […]