उसने हमारे हृदय में अनन्ता स्थापित की है
उसने हर चीज़ को अपने-अपने समय पर सुंदर बनाया है। उसने मनुष्य के मन में अनादि-अनन्त काल का ज्ञान भी रखा है; फिर भी कोई भी समझ नहीं सकता कि परमेश्वर ने आरम्भ से अन्त तक क्या किया है। (सभोपदेशक 3:11) परमेश्वर ने हमारे हृदय में अनन्ता का ज्ञान डाला है। हर वस्तु जिसकी हम […]
पिता के साथ आपकी संगति!
इसलिये कि जितने लोग परमेश्वर के आत्मा के चलाए चलते हैं, वे ही परमेश्वर के पुत्र हैं। (रोमियों 8:14) मसीह होने के नाते एक सबसे बड़ा तोहफ़ा जो हमने पाया है वो है पिता के साथ, उसकी संतान की तरह संगति करने का सौभाग्य। इससे ज़्यादा क़ीमती इस दुनिया में कुछ भी नहीं है। संगति […]
पवित्र आत्मा: हमारा मध्यस्थकर्ता
और मैं पिता से विनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक (मददगार, वकील, मध्यस्थ-सलाहकार, शक्ति देने वाला, समर्थन करने वाला ) देगा, जो सदैव तुम्हारे साथ रहेगा (यूहन्ना 14:16 amp) कई बार ऐसा होता है कि हमारे पास किसी परिस्थिति के बारे में पर्याप्त विवरण या जानकारी नहीं होती जिसके लिए हम प्रार्थना करना […]
पवित्र आत्मा: आपके लिए परमेश्वर का उपहार है |
और मैं पिता से प्रार्थना करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे। (यूहन्ना 14:16) पवित्र आत्मा आपके लिए परमेश्वर का उपहार है। आपके जीवन में उसकी मिनिस्ट्री ही परमेश्वर और उसके राज्य को आपके लिए वास्तविक बनाती है। हमारे मुख्य वर्स में मास्टर येशु ने उसे एक और […]
सत्य की सामर्थ: परमेश्वर का वचन
क्योंकि जिसके पास है, उसे और दिया जाएगा; और उसके पास बहुत हो जाएगा; परन्तु जिसके पास नहीं है, उससे वह भी जो उसके पास है, ले लिया जाएगा। (मत्ती 13:12) परमेश्वर के वचन का प्रकाशित ज्ञान शक्तिशाली है—यह आपको सच्ची स्वतंत्रता में चलने के लिए सशक्त बनाता है। इस प्रकार के प्रकटीकरण का एक […]
स्वार्थी प्रार्थनाएं मत कीजिए
तुम मांगते हो और पाते नहीं, इसलिये कि बुरी इच्छा से मांगते हो, ताकि अपने भोग विलास में उड़ा दो।(याकूब 4:3) प्रार्थना परमप्रधान के साथ वार्तालाप है। परमेश्वर की संतान होने के नाते प्रार्थना हमारे लिए एक मिनिस्ट्री है। इसलिए आप हर एक चीज़ और हर एक व्यक्ति को परे हटा कर, सिर्फ परमेश्वर को […]
महत्वपूर्ण दिनों में, हमें प्रार्थना करनी चाहिए।
इसलिए, मैं सबसे पहले, यह आग्रह करता हूँ कि सभी लोगों के लिए निवेदन, प्रार्थना, मध्यस्थता और धन्यवाद किया जाए – राजाओं और सभी अधिकारियों के लिए, ताकि हम सभी भक्ति और पवित्रता में विश्राम और शांत जीवन जी सकें।” (1 तीमुथियुस 2:1-2 NIV) आज हमारे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है और हमें […]
परिपक्वता एक चुनाव है
अब मैं कहता हूं, कि वारिस जब तक बालक है, यद्यपि वह सब का स्वामी है, तौभी उस में और दास में कुछ भेद नहीं है। (गलातियों 4:1) इस संसार में एक मसीह के रूप में, आप हमारे प्रभु यीशु मसीह के एक्सटेंशन हैं। इसलिए, आप आत्मा में लंबे समय तक बालक नहीं रह सकते। […]
आत्मिक कार्य
क्योंकि परमेश्वर मेरा गवाह है, जिसकी सेवा मैं अपनी आत्मा से उसके पुत्र के सुसमाचार के द्वारा करता हूँ। (रोमियों 1:9 अ) जब हम परमेश्वर की सेवा करते हैं, तो हम उसकी सेवा अपने पूरे हृदय, मन, शरीर, शक्ति और योग्यताओं से करते हैं; हालाँकि, यह सब आत्मा के द्वारा किया जाना चाहिए। हमारा दृष्टिकोण […]