उसमें आप फलवंत है
मैं दाखलता हूँ: तुम डालियाँ हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उसमें, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते। (यूहन्ना 15:5) जब यीशु कहता हैं कि वे दाखलता हैं और हम शाखाएं हैं, तो वे कह रहा हैं कि हम उसके एक्सटेंशन, उसकी […]