अपने देने के द्वारा परमेश्वर का सम्मान कीजिये!
फिर तुम यह भी कहते हो, “ ओह! परमेश्वर की सेवा करना तो बहुत मुश्किल है और वह मानना भी जो वह कहता है”| तुम ने उस भोजनवस्तु के प्रति नाक भौं सिकोड़ी, और अत्याचार से प्राप्त किए हुए और लंगड़े और रोगी पशु की भेंट ले आते हो! क्या मैं ऐसी भेंट तुम्हारे हाथ […]