आपकी भाषा और वाणी मायने रखते हैं

जहाँ राजा का वचन होता है, वहाँ सामर्थ होता है…(सभोपदेशक 8:4) एक मसीही के रूप में हम जो बोलते हैं, उसका महत्व है। हम इस दुनिया की भाषा नहीं बोलते। हमारे स्थान और समय की भाषा को हमें नहीं बनाने देना हैं, बल्कि हमें भाषा को बनाना हैं। हमें अपनी भाषा और वाणी को अपने […]