विश्वास परमेश्वर के वचन पर आधारित होता है!
सो विश्वास सुनने से, और सुनना परमेश्वर के वचन से होता है। (रोमियो 10:17) बहुत से मसीह यह मानते हैं कि हर वो चीज़ जो सुनने में अच्छी, लुभावनी और सकारात्मक लगती है, वह परमेश्वर से होती है। पर यह बिलकुल ज़रूरी नही है।यही वह गलत सोच है जो लोगों को बेमतलब के संघर्ष में […]
आपका विश्वास
…यदि तुम्हारा विश्वास राई के दाने के बराबर भी हो, तो इस पहाड़ से कह सकोगे कि यहां से हटकर वहां चला जा, तो वह चला जाएगा; और कोई बात तुम्हारे लिये अनहोनी न होगी। (मत्ती 17:20) आप अपने जीवन में जो कुछ भी अनुभव करते हैं उसके लिए परमेश्वर जिम्मेदार नहीं है, आप स्वयं […]
अनुशासन के लाभ
…दुसरे हाथ पर, खुद को अनुशासित करो इश्वरियता के उद्देश्य से (1 तीमुथियुस 4:7 एन ऐ एस बी ) अनुशासन आपको बड़ी उपलब्धियाँ बहुत कम प्रयासों में हासिल करने में मदत करता है। अनुशासन का मतलब है खुद को बांधना और विवश करना निर्धारित सिद्धांतों और तरीकों पर चलने के लिए और हर एक इच्छा […]
परमेश्वर आपके साथ व्यक्तिगत है!
क्या दो पैसे की पांच गौरैयां नहीं बिकतीं? तौभी परमेश्वर उन में से एक को भी नहीं भूलता। वरन तुम्हारे सिर के सब बाल भी गिने हुए हैं, सो डरो नहीं, तुम बहुत गौरैयों से बढ़कर हो। (लूका 12:6-7) कुछ लोग सोचते हैं कि परमेश्वर संख्याओं से काम करता है। वे सोचते हैं कि यदि […]
गुस्सा मदद नहीं करता
जो विलम्ब से क्रोध करता है, वह वीरता से उत्तम है; और जो अपने मन को वश में रखता है, वह नगर जीतने वाले से उत्तम है। (नीतिवचन 16:32) परमेश्वर इतना कृपालु और अनुग्रही है कि मसीह यीशु में उसने हमें इस संसार से निकाल लिया और एक उच्चतर जीवन में ले आया। उसने हमें […]
चिंता मदद नहीं करती
फिर उसने उन से कहा, कि जा कर चिकना चिकना भोजन करो और मीठा मीठा रस पियो, और जिनके लिये कुछ तैयार नहीं हुआ उनके पास बैना भेजो; क्योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिये पवित्र है; और उदास मत रहो, क्योंकि यहोवा का आनन्द तुम्हारा दृढ़ गढ़ है। (नेहेमेयाह 8:1) नवी नेहेमेयाह ने […]
लोगों की राय बिल्कुल भी मायने नहीं रखती
परन्तु वे आशा लगाए बैठे थे कि वह सूज जाएगा, या अचानक गिरकर मर जाएगा; परन्तु जब बहुत देर तक देखते रहे, और देखा कि उसका कुछ भी नहीं बिगड़ा, तो और ही विचार करके कहने लगे, कि यह तो कोई ईश्वर है। (प्रेरितों के काम 28:6) लोगों की राय अस्थिर होती है। यह बदलती […]
दुनिया के तत्वों का कोई महत्व नहीं है
ये बातें मैंने तुम से इसलिये कहीं हैं, कि तुम्हें मुझ में शांति मिले। संसार में तुम्हें क्लेश होता है, परन्तु ढाढ़स बांधो: मैं ने संसार को जीत लिया है। (यूहन्ना 16:33) संसार और उसके तत्व एक मसीही के लिए कोई फ़ैक्टर नहीं हैं। एक मसीह परमेश्वर के राज्य में नया जन्म लेता है। जिस […]
आपका प्रोफेशनल टाइटल मायने नहीं रखता
इसलिये पहिले तुम उसके राज्य और सत्यनिष्ठा, की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी। (मत्ती 6:33 NIV) बहुत से लोगों का मानना है कि अपने कार्यस्थल पर सुसमाचार का प्रचार करने के लिए एक व्यक्ति को बहुत प्रतिष्ठित पद या निश्चित रैंक पर होना चाहिए। अन्य लोग सोचते हैं कि उन्हें […]
भावना मायने नहीं रखती!
तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना। (नीतिवचन 3:5) कई मसीह लोग परमेश्वर की उपस्थिति को परिभाषित करने के लिए अपनी भावनाओं पर निर्भर रहते हैं। जबकि, सच तो यह है कि भावनाएं भरोसेमंद नहीं होतीं। भावनाएँ पूरी तरह से मानवीय अनुभव पर, आधारित मानवीय सोच का […]