शास्त्रवचन पढना: कब?
अपने आप को परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करनेवाला ठहराने का प्रयत्न करो जो लज्जित होने न पाए, और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से बांटता हो। (2 तीमुथियुस 2:15) कुछ लोगों का मानना है कि हर रात कुछ बाइबल आयतों को पढ़ लेना, शास्त्रवचन का अध्ययन करने का सबसे अच्छा समय […]
शास्त्रवचन पढना: कैसे?
अपने आप को परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करनेवाला ठहराने का प्रयत्न करो जो लज्जित होने न पाए, और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से बांटता हो। (2 तीमुथियुस 2:15) बहुत से मसीह लोग बाइबल को कई बार पढ़ने का दावा करते हैं। हालाँकि, उनके शास्त्रवचन का ज्ञान और उनके जीवन में […]
शास्त्रवचन पढना: क्यों?
हर एक पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और सत्यनिष्ठा की शिक्षा के लिये लाभदायक है। ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्पर हो जाए। (2 तीमुथियुस 3:16-17) बहुत लोगों में यह गलत धारणा होती है कि उन्हें शास्त्रवचन पढने […]
आपको छुटकारे की ज़रूरत नही है
और पिता का धन्यवाद करते रहो, जिस ने हमें इस योग्य बनाया कि ज्योति में पवित्र लोगों के साथ मीरास में समभागी हों। उसी ने हमें अन्धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया। (कुलुस्सियों 1:12-13) अगर आप नए जन्में हैं, तो आपको शैतान की शक्ति से पहले ही छुटकारा […]
आप उसके लिए एक हादसा नही हैं!
हे यहोवा, तू ने मुझे जांच कर जान लिया है॥ तू मेरा उठना बैठना जानता है; और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है। (भजन संहिता 139:1-2) बहुत से लोग एक हादसे की तरह जन्म लेते हैंl वे अपने माता-पिता द्वारा योजना नही किये गये थे, और उन्हें अक्सर यह याद दिलाया जाता […]
परमेश्वर ने आपको वहां चमकने के लिए रखा है!
परन्तु सत्यानिष्ठों की चाल उस चमकती हुई ज्योति के समान है, जिसका प्रकाश दोपहर तक अधिक अधिक बढ़ता रहता है। (नीतिवचन 4:18) परमेश्वर ने हमें बदलाव का एजेंट बनाया है, उसने हमें ज्योति बनाया है, जहाँ भी हम हैं। ये मायने नही रखता की आप क्या करते हैं, या आप खुद को कहाँ पाते हैं, […]
अपने देश के लिए प्रार्थना करें
मैं सब से पहिले यह उपदेश देता हूं, कि बिनती, और प्रार्थना, और निवेदन, और धन्यवाद, सब मनुष्यों के लिये किए जाएं। राजाओं और सब ऊंचे पद वालों के निमित्त इसलिये कि हम विश्राम और चैन के साथ सारी भक्ति और गम्भीरता से जीवन बिताएं। यह हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर को अच्छा लगता, और भाता भी […]
जीवित कुर्बानी बनें
इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान करके चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है। (रोमियो 12:1) कितना महान सौभाग्य है जो परमेश्वर ने हमे दिया हैl सौभाग्य खुद को उसे सौंपने का, और एक […]
उन्हें प्रेम करे, सिर्फ सहानुभूति मत जताएँ!
मेरी आज्ञा यह है: एक दूसरे से प्रेम करो जैसा मैंने तुम्हें प्यार किया है। (यूहन्ना 15:12) मसीह के रूप में, हमें पीड़ित लोगों को प्रेम करना चाहिए। हमें जरूरतमंद लोगों से प्रेम करना चाहिए। ध्यान दिजिए, मैंने कहा कि उनसे प्रेम कीजिये- उनके साथ सहानुभूति नहीं।प्रेम और सहानुभूति पूरी तरह से अलग चीजें हैं। […]
आपका उद्देश्य
परन्तु तू उठ, अपने पांवों पर खड़ा हो; क्योंकि मैं ने तुझे इस उद्देश्य के लिए दर्शन दिया है, कि तुझे उन बातों का भी सेवक और गवाह ठहराऊं, जो तू ने देखी हैं, और उन का भी जिन के लिये मैं तुझे दर्शन दूंगा। (प्रेरितों के कार्य 26:16) बहुत से लोग अपने जीवन में […]