वचन और आप।

और अब मैं तुम्हें परमेश्वर को, और उसके अनुग्रह के वचन को सौंप देता हूं; जो तुम्हारी उन्नति कर सकता है, और सब पवित्रों में साझी करके मीरास दे सकता है। (प्रेरितों के काम 20:32) वचन में क्षमता है कि वह आपको वह बना दे जिसके बारे में वह बात करता है। अपने वचन को […]
बढ़ोतरी के सिद्धांतों का पालन करे

उसके हाथों के कार्य विश्वसनीय और न्यायी हैं; उसके हर नियम भरोसेमंद हैं; वह सदा के लिए स्थापित हैं, ताकि उन पर विश्वसनीयता से और सहिता से चला जा सके (भजन संहिता 111:7-8) क्या आपने कभी कोई विश्व स्तरीय खेल देखा है? आपको क्या लगता है जो लोग यह खेल खेलते हैं वह वहां कैसे […]
‘प्रभु यीशु के नाम पर’ तैयारी करें और योजना बनाएं

और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो। (कुलुस्सियों 3:17) हमारे मुख्य वर्स में दिया गया निर्देश जितना सरल प्रतीत होता हैं, उससे कई महत्वपूर्ण है कि हम उसका पालन करें। यीशु मसीह का नाम सबसे सामर्थी नाम […]
अपने पास्टर का आदर करें!

और उन के काम के कारण प्रेम के साथ उन को बहुत ही आदर के योग्य समझो: आपस में मेल-मिलाप से रहो। (1 थिस्सलुनीकियों 5:13) आपके पास्टर एक उपहार है जिसे परमेश्वर ने आपको दिया है (इफिसियों 4: 8)। आप के ऊपर पास्टर, आपके चुने हुए नहीं है, बल्कि परमेश्वर के चुने हुए है, और […]
प्रभु के राज्य का जीवन

उसी ने हमें अन्धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया। (कुलुस्सियों 1:13) मसीह में हमें प्रभु के राज्य के जीवन में बुलाया गया है, एक ऐसा जीवन जहाँ हर दिन चमत्कार और अलौकिकता का अंतहीन प्रवाह होता है। जब यीशु पृथ्वी पर था, तो उसने राज्य का जीवन जिया। […]
आत्मा से विचार कीजिये

इसलिए तुम्हारे दुनियाबी स्वभाव को तुम्हारे दिमाग को चलने देना मृत्यु को जन्म देता है। परन्तु आत्मा को तुम्हारे दिमाग को चलाने देना जीवन और शांति को लाता है। (रोमियो 12:2 MNLT) दिमाग हर उस चीज़ के पीछे मुख्य फैकल्टी है जो आप समझते हैं हालाँकि दो चीजों का उस एक दिमाग के ऊपर प्रभाव […]
उसकी सामर्थ वास्तविक है, वहम नहीं

मैं इसी कारण उस पिता के साम्हने घुटने टेकता हूं, जिस से स्वर्ग और पृथ्वी पर, हर एक घराने का नाम रखा जाता है। कि वह अपनी महिमा के धन के अनुसार तुम्हें यह दान दे, कि तुम उसके आत्मा से अपने भीतरी मनुष्य में सामर्थ पाकर बलवन्त होते जाओ (इफिसियों 3:14-16)। हमारे मुख्य वर्स […]
अपने भीतरी मनुष्य को मजबूत बनाये

उसकी आत्मा से अपने भीतरी मनुष्य में सामर्थ पाकर बलवन्त होते जाओ (इफिसियों 3:16) मनुष्य एक आत्मा है और वह शरीर में रहता है। अपने बारे में, अपने भीतर के मनुष्य के बारे में शिक्षित होना बहुत महत्वपूर्ण है। परमेश्वर ही जीवन का स्रोत है, और जब आदम ने पाप किया, तो वह जीवन से […]
खुद को चुनौती देना

इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए। तब तुम परमेश्वर- की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहोगे। (रोमियों 12:2 NIV) मसीह लोगों को अपने विश्वास के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए लगातार स्वयं, को चुनौती देने की […]
आपका चुनाव

प्रयत्न करने में आलसी न हो; आत्मिक उन्माद में भरो रहो; प्रभु की सेवा करते रहो। (रोमियों 12:11) चुनाव करने की शक्ति का एहसास होना सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है, जो इस जीवन में प्राप्त की जा सकती है। बहुत से लोग उस आयाम में नहीं रहते, जहां वे जानते हों कि वे […]