परमेश्वर को सत्य के रूप में पहचानना
परमेश्वर न करे; वरन परमेश्वर सच्चा और हर एक मनुष्य झूठा ठहरे; जैसा लिखा है, कि जिस से तू अपनी बातों में सत्यनिष्ठ ठहरे, और न्याय के समय जय पाए। (रोमियों 3:4) परमेश्वर के साथ हमारी संगति हमें उसे और गहराई से पहचानने में मदद करती है। परमेश्वर आपको हर दिन विकसित कर रहा है […]
नव वर्ष की शुभकामनाएं: असीमित होना चुनें
उसने हर चीज़ को अपने समय पर सुंदर बनाया है: उसने उनके हृदय में अनंत काल भी स्थापित किया है… (सभोपदेशक 3:11a ASV) मैं आपको नव वर्ष 2025 की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ! हम अक्सर अपने आस-पास लोगों को नए साल के संकल्प लेते हुए देखते हैं, हालांकि, सच्चाई यह है कि शायद ही कोई […]
अनुग्रह का जश्न मनाने का समय: समापन और एक नई शुरुआत
यह प्रभु की दया है कि हम नष्ट नहीं हुए, क्योंकि उसकी करुणा कभी समाप्त नहीं होती। वे हर सुबह नए होते हैं: तेरी सच्चाई महान है। (विलापगीत 3:22-23) जैसे हम वर्ष समाप्त होने की ओर बढ़ रहे है, हम खुद को चिंतन और प्रत्याशा की स्थिति में पाते हैं। हम अपने द्वारा जीए गए […]
एक आभारी हृदय
हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे! हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना। वही तो तेरे सब अधर्म को क्षमा करता हैं, और तेरे सब रोगों को चंगा करता है, वही तो तेरे प्राण […]
प्रभाव डालने का निर्णय लें
उठ, प्रकाशमान हो; क्योंकि तेरा प्रकाश आ गया है, और यहोवा का तेज तेरे ऊपर उदय हुआ है। (यशायाह 60:1) जैसे ही आप उपवास और प्रार्थना के साथ इस वर्ष का समापन करते हैं और एक नए वर्ष में प्रवेश करने की तैयारी करते हैं, यह अनिवार्य है कि आप निर्णय लें कि आप राज्य […]
उपवास और प्रार्थना
जैसे वह प्रभु की अराधना और सेवा कर रहे थे, उपवास के साथ, पवित्र आत्मा ने कहा… (प्रेरितों के कार्य 13:2) जैसे की इस साल के परदे गिर रहे हैं, हर साल की तरह ही हम, अम्बस्सडोर्स ऑफ़ जायन, एक साथ वर्ष के अंत के इन दिनों का उपवास कर रहे हैं। इसलिए आज मैं […]
उन वचनों पर वापस लौटें
अपने आप को परमेश्वर के प्रति स्वीकृत दिखाने के लिए अध्ययन करो, ऐसा काम करने वाला ठहराने का प्रयत्न करो, जो लज्ज़ित होने न पाए, और सत्य के वचन को ठीक रीति से बांटता हो।” (2 तीमुथियुस 2:15 KJV) जैसे हम इस वर्ष के अंत में पहुँच गए हैं, यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने […]
मेर्री क्रिसमस!
फिर जिन्हें उस ने पहिले से ठहराया, उन्हें बुलाया भी, और जिन्हें बुलाया, उन्हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्हें धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी दी है (रोमियों 8:30) क्रिसमस हमारे प्रिय प्रभु यीशु मसीह के धरती पर जन्म का जश्न नही है, बल्कि यह उस मकसद का जश्न है जो परमेश्वर का अपने पुत्र […]
क्रिसमस के दिन वाले मसीह मत बने
मसीह का प्रेम हमें विवश करता है; इसलिये कि हम यह समझते हैं, कि यदि एक सब के लिये मरा तो सब मर गये। और वह इसलिये मरा कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीयें, परन्तु उसके लिये जो उनके लिये मरा और फिर जी उठा। (2 कुरिन्थियों 5:14-15) भारत में, […]
क्रिसमस सभी के लिए है
तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा। कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है। (लूका 2:10-11) क्रिसमस को अक्सर स्कूलों में ईसाईयों का धार्मिक त्योहार बताया जाता है; […]