यह धन्यवाद देने का दिन है!

उसके फाटकों से धन्यवाद, और उसके आंगनों में स्तुति करते हुए प्रवेश करो, उसका धन्यवाद करो, और उसके नाम को धन्य कहो (भजन संहिता 100:4) हर साल इसी समय, हम एक साथ आ कर परमेश्वर को विशेष रूप से धन्यवाद देते हैं, एक शानदार साल के लिए जो उसने हमें दिया है। इसलिए आपका धन्यवाद […]

अत्यंत धन्यवाद करते रहो

‬और उसी में जड़ पकड़ते और बढ़ते जाओ; और जैसे तुम सिखाए गए वैसे ही विश्वास में दृढ़ होते जाओ, और अत्यन्त धन्यवाद करते रहो (कुलुस्सियों 2:7) परमेश्वर हमें अपने वचन में निर्देश देता है की हमें अत्यंत धन्यवाद करते रहना चाहिएl मसीह में हमारा जीवन परमेश्वर के अनुग्रह और बहते प्रेम की गवाही है, […]

धन्यवाद के साथ मसीह का जश्न मनाएं।

यहोवा की महिमा और सामर्थ को मानो। यहोवा के नाम की महिमा ऐसी मानो जो उसके नाम के योग्य है। भेंट ले कर उसके सम्मुख आाओ, पवित्रता से शोभायमान हो कर यहोवा को दण्डवत करो। (1 इतिहास 16:29) क्रिसमस आ गया है और हम एक प्रभावशाली और महिमामय वर्ष के समापन के करीब हैं। इसलिए […]

पहले परमेश्वर के राज्य की खोज करो!

इसलिये पहिले तुम परमेश्वर के राज्य और सत्यनिष्ठा की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी। (मत्ती 6:33) हमारा मुख्य वर्स हमारे मास्टर यीशु द्वारा दिया गया कथन है। वह आपसे ऐसी चीज़ खोजने को नहीं कहेगा जिसे खोजना संभव नहीं है। फिर, उसने लूका 12:32 में कहा, “हे छोटे झुण्ड, मत […]

कदम बढ़ाएँ

जो मुझे सामर्थ देता है उसमें मैं सब कुछ कर सकता हूँ। (फिलिप्पियों 4:13) बहुत से मसीह सोचते हैं कि आत्मा जीतना, परमेश्वर के घर में सेवा करना, भेंट देना या बीमारों को चंगा करना हर किसी के लिए नहीं है। हालाँकि, तथ्य यह है कि हर मसीह को इन सभी और इनसे अधिक करने […]

अपनी धारणा को गहरा कीजिए!

और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूँ। (मत्ती 28:20) ओह! कितना अद्भुत है यह जानना कि हमारा प्रभु हमारे साथ है सदा के लिए! मसीह में हमारा विश्वास सिर्फ चमत्कारों के लिए या अन्य अच्छी चीजों के लिए […]

आपकी धारणा और आपका उद्धार

पर जो कोई मनुष्यों के साम्हने मेरा इन्कार करेगा उस से मैं भी अपने स्वर्गीय पिता के साम्हने इन्कार करूंगा। (मत्ती 10:33) ऊपर दिए वचन में यीशु ने दिखाया है कैसे हमारी उसके प्रति धारणा, स्वर्ग में हमारे स्थान को निर्धारित करेगी। उसने कहा,“पर जो कोई मनुष्यों के साम्हने मेरा इन्कार करेगा उस से मैं […]

अल्टीमेट आदान-प्रदान

जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया कि हम उसमें होकर परमेश्वर की सत्यनिष्ठ बन जाएं। (2 कुरिन्थियों 5:21) बहुत से लोग क्रिसमस मनाते हैं, बिना यह समझे कि परमेश्वर ने सबसे प्रथम क्रिसमस के माध्यम से हमारे लिए क्या किया है। वे यीशु का जन्मदिवस वैसे ही मनाते हैं […]

क्रिसमस यीशु के बारे में है

और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, (और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा)। (यूहन्ना 1:14) आज दुनिया जान-बूझकर क्रिसमस से यीशु मसीह को हटा रही है। इस मौसम में होने वाली सजावट, आकर्षण, चमक-दमक हमारी आँखों को जितनी […]

यह आप का कर्तव्य है!

क्योंकि यदि मैं सुसमाचार सुनाऊं, तो मुझे कुछ घमण्ड नहीं; क्योंकि यह तो मेरे लिये अवश्य है; और यदि मैं सुसमाचार न सुनाऊं, तो मुझ पर हाय! (1 कुरिन्थियों 9:16) यह क्रिसमस का समय है, साल ख़त्म होने वाला है। जहाँ घर, सड़कें और चर्च रोशनी और सजावट से जगमगा रहे हैं; आपको सच्ची ज्योति, […]