मेर्री क्रिसमस!
फिर जिन्हें उस ने पहिले से ठहराया, उन्हें बुलाया भी, और जिन्हें बुलाया, उन्हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्हें धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी दी है (रोमियों 8:30) क्रिसमस हमारे प्रिय प्रभु यीशु मसीह के धरती पर जन्म का जश्न नही है, बल्कि यह उस मकसद का जश्न है जो परमेश्वर का अपने पुत्र […]
क्रिसमस के दिन वाले मसीह मत बने
मसीह का प्रेम हमें विवश करता है; इसलिये कि हम यह समझते हैं, कि यदि एक सब के लिये मरा तो सब मर गये। और वह इसलिये मरा कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीयें, परन्तु उसके लिये जो उनके लिये मरा और फिर जी उठा। (2 कुरिन्थियों 5:14-15) भारत में, […]
क्रिसमस सभी के लिए है
तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा। कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है। (लूका 2:10-11) क्रिसमस को अक्सर स्कूलों में ईसाईयों का धार्मिक त्योहार बताया जाता है; […]
यह धन्यवाद देने का दिन है!
उसके फाटकों से धन्यवाद, और उसके आंगनों में स्तुति करते हुए प्रवेश करो, उसका धन्यवाद करो, और उसके नाम को धन्य कहो (भजन संहिता 100:4) हर साल इसी समय, हम एक साथ आ कर परमेश्वर को विशेष रूप से धन्यवाद देते हैं, एक शानदार साल के लिए जो उसने हमें दिया है। इसलिए आपका धन्यवाद […]
अत्यंत धन्यवाद करते रहो
और उसी में जड़ पकड़ते और बढ़ते जाओ; और जैसे तुम सिखाए गए वैसे ही विश्वास में दृढ़ होते जाओ, और अत्यन्त धन्यवाद करते रहो (कुलुस्सियों 2:7) परमेश्वर हमें अपने वचन में निर्देश देता है की हमें अत्यंत धन्यवाद करते रहना चाहिएl मसीह में हमारा जीवन परमेश्वर के अनुग्रह और बहते प्रेम की गवाही है, […]
धन्यवाद के साथ मसीह का जश्न मनाएं।
यहोवा की महिमा और सामर्थ को मानो। यहोवा के नाम की महिमा ऐसी मानो जो उसके नाम के योग्य है। भेंट ले कर उसके सम्मुख आाओ, पवित्रता से शोभायमान हो कर यहोवा को दण्डवत करो। (1 इतिहास 16:29) क्रिसमस आ गया है और हम एक प्रभावशाली और महिमामय वर्ष के समापन के करीब हैं। इसलिए […]
पहले परमेश्वर के राज्य की खोज करो!
इसलिये पहिले तुम परमेश्वर के राज्य और सत्यनिष्ठा की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी। (मत्ती 6:33) हमारा मुख्य वर्स हमारे मास्टर यीशु द्वारा दिया गया कथन है। वह आपसे ऐसी चीज़ खोजने को नहीं कहेगा जिसे खोजना संभव नहीं है। फिर, उसने लूका 12:32 में कहा, “हे छोटे झुण्ड, मत […]
कदम बढ़ाएँ
जो मुझे सामर्थ देता है उसमें मैं सब कुछ कर सकता हूँ। (फिलिप्पियों 4:13) बहुत से मसीह सोचते हैं कि आत्मा जीतना, परमेश्वर के घर में सेवा करना, भेंट देना या बीमारों को चंगा करना हर किसी के लिए नहीं है। हालाँकि, तथ्य यह है कि हर मसीह को इन सभी और इनसे अधिक करने […]
अपनी धारणा को गहरा कीजिए!
और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूँ। (मत्ती 28:20) ओह! कितना अद्भुत है यह जानना कि हमारा प्रभु हमारे साथ है सदा के लिए! मसीह में हमारा विश्वास सिर्फ चमत्कारों के लिए या अन्य अच्छी चीजों के लिए […]
आपकी धारणा और आपका उद्धार
पर जो कोई मनुष्यों के साम्हने मेरा इन्कार करेगा उस से मैं भी अपने स्वर्गीय पिता के साम्हने इन्कार करूंगा। (मत्ती 10:33) ऊपर दिए वचन में यीशु ने दिखाया है कैसे हमारी उसके प्रति धारणा, स्वर्ग में हमारे स्थान को निर्धारित करेगी। उसने कहा,“पर जो कोई मनुष्यों के साम्हने मेरा इन्कार करेगा उस से मैं […]