सही मानसिकता विकसित करें
मसीह ने हमें स्वतंत्रता के लिये स्वतंत्र किया है; इसलिये दृढ़ रहो, और दासत्व के जूए में फिर से न जुतो। (गलातियों 5:1) मसीह यीशु में हमें; व्यवस्था के, शैतान के, और संसार के,सारे बंधनों से बाहर लाया गया है। उसने हमें ख़ुद में सम्पूर्ण स्वतंत्रता दी है। हालाँकि, कई लोग अभी भी खुद को […]
बच्चों को सही शिक्षा दें : वे भविष्य हैं !
बच्चे को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उस को चलना चाहिये, और वह बुढ़ापे में भी उस से नहीं हटेगा। (नीतिवचन 22: 6) आज की दुनिया में लोग, अपने आज को मैनेज करने में इतने व्यस्त है कि वे अपने भविष्य की पीढ़ी –बच्चों- की ओर पूरी तरह से अनजान हैं। बच्चे भविष्य […]
अपनी बोली में अनुग्रही होना सीखें
अपनी बोली में अनुग्रही बनें। लक्ष्य यह है कि आप अपनी बातों के द्वारा दूसरों में सबसे अच्छा बाहर ला सकें, न की उन्हें नीचा दिखाएं और उन्हें अलग काट दें (कुलुस्सियों 4:6) क्या आपने कभी खुद को ऐसी परिस्थिति में पाया है, जहाँ आप किसी से प्रेम रखते हों परन्तु, वे आपके द्वारा किया […]
एक विजेता का रवैया
फिर हम ने वहां दैत्यों को, अर्थात दैत्यों के वंश के अनाकवंशियों को देखा; और हम अपनी दृष्टि में तो टिड्डे के समान थे, और उनकी दृष्टि में भी वैसे ही थे। (गिनती 13:33) परमेश्वर के निर्देश पर, मूसा ने कनान देश की जासूसी करने के लिए बारह लोगों को वहाँ भेजा। परमेश्वर ने उनसे […]
उन नोट्स का अध्ययन कीजिए
यहोवा ने मुझ से कहा, दर्शन की बातें लिख दे; वरन पटियाओं पर साफ साफ लिख दे कि इसे पढने वाला खुद ही दौड़ने लगे (हबक्कूक 2:2) परमेश्वर की आत्मा हम सब के प्रति निजी है। जो वह आपको सिखाता है तब, जब आप चर्च मीटिंग या संगती में हो, वह किसी और व्यक्ति के […]
अपने अंदर छिपे खजाने से दुनिया को प्रभावित करें!
उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के सामने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में है, बड़ाई करें। (मत्ती 5:16) हमारे मिनिस्ट्री, एम्बेसडर्स ऑफ ज़ायन का दर्शन मोटो है, परमेश्वर के प्रेम से दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाना। एक एम्बेसडर्स ऑफ ज़ायन के रूप में, इस दर्शन को […]
अपने व्यक्तित्व में निवेश करें
और इसके अलावा, अपने विश्वास पर सद्गुण, और सद्गुण पर ज्ञान, और ज्ञान पर संयम, और संयम पर धैर्य, और धैर्य पर भक्ति, और भक्ति पर भाईचारे की प्रीति, और भाईचारे की प्रीति पर प्रेम बढ़ाते जाओ। (2 पतरस 1:5-7) बहुत से लोगों को अपनी परिस्थितियों, अपने परिवार, अपनी सरकार के बारे में शिकायत करने […]
भलाई और करुणा सदा हमारे पीछे आती हैं चाहे हम जहाँ भी जाएँ!
निश्चय ही भलाई और करूणा जीवन भर मेरे साथ साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूंगा (भजन संहिता 23:6) ऊपर दिया वर्स दुनिया भर के चल चर्चो में एक बेनेडीक्शन की तरह कहा जाता है; पर यह सिर्फ सर्विस के अंत में कहे जाने लायक कोई अच्छी चीज़ नही है, […]
कमी की मानसिकता को नकारे
और मेरा परमेश्वर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित मसीह यीशु में है तुम्हारी हर एक घटी को पूरी करेगा। (फिलिप्पियों 4:19) एक व्यक्ति के जीवन में कमी का होना एक आत्मिक बात है ना की शारीरिक। कमी, किसी चीज़ का न होना नही है, परन्तु एक अवस्था है जब लोग परमेश्वर […]
अपनी सामर्थ को प्रवाहित होने दें
अंतिम वचन: प्रभु में और उस की सामर्थ के प्रभाव में बलवन्त बनो। (इफिसियों 6:10) परमेश्वर की संतान होने के नाते, हममें भी वही जीवन है जो यीशु में था। ऐसा इसलिए है क्योंकि परमेश्वर का वचन स्पष्ट है: “…जैसा वह (यीशु) है, वैसे ही हम भी इस संसार में हैं” (1 यूहन्ना 4:17)। इसलिए, […]