आपको सिर्फ उसके वजूद के ज्ञान को पाना है

कि हमारे प्रभु यीशु मसीह का परमेश्वर जो महिमा का पिता है, तुम्हें अपनी पहचान में, ज्ञान और प्रकाश का आत्मा दे। और तुम्हारे मन की आंखें ज्योतिर्मय हों कि तुम जान लो कि उसके बुलाने से कैसी आशा होती है, और पवित्र लोगों में उस की मीरास की महिमा का धन कैसा है। ( […]

परमेश्वर कि मदद करने की कोशिश मत कीजिये

अगर तुम केवल मुझे अपनी मदद करने दोगे, अगर तुम सिर्फ मेरी आज्ञा का पालन करोगे, तो मैं तुम्हें अमीर बना दूंगा! (यशायाह 1:19) परमेश्वर कुछ भी कर सकता हैं, वह प्रभु हैं, सब प्राणियों का परमेश्वर है,और उसके साथ कुछ भी असंभव नहीं है, आपको बस विश्वास की ज़रूरत है। उसकी शक्ति असीमित है। […]

विश्वास की अच्छी लड़ाई लड़े

विश्वास की अच्छी लड़ाई लड़; और उस अनंत जीवन को धर ले, जिस के लिये तू बुलाया, गया, और बहुत गवाहों के साम्हने अच्छा अंगीकार किया था (1 तीमुथियुस 6:12)। आपका विश्वास ही वह विजय है जो संसार और उसकी असफलताओं, भ्रष्टाचार, अंधकार, दुष्टता और पतन पर विजय प्राप्त करता है। हमारे मुख्य वर्स में […]

अस्थिर मत रहिये!

“… पर विश्वास से मांगे, और कुछ सन्देह न करे; क्योंकि सन्देह करने वाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है। ऐसा मनुष्य यह न समझे, कि मुझे प्रभु से कुछ मिलेगा। वह व्यक्ति दुचित्ता है, और अपनी सारी बातों में चंचल है॥”(याकूब 1: 6-8)u कुछ लोग सोचते हैं, […]

अपने विश्वास को खिचिये, बढ़ाइये और मज़बूत कीजिए

परन्तु मेरे सत्यनिष्ठ जन, विश्वास से जिएंगे। और मैं ऐसे किसी में प्रसन्न नहीं होंउंगा जो पीछे हट जाये। (इब्रानियों 10:38) विश्वास उन महान महिलाओं और पुरुषों की जीवनशैली होती है जो परमेश्वर के साथ चलते हैं, और यही कारण है कि वे वो हासिल कर पाते हैं जो आम लोग नहीं कर पाते। विश्वास […]

अपने विश्वास को खिंच कर लंबा करे

पर हे प्रियोंतुम अपने अति पवित्र विश्वास में अपनी उन्नति करते हुए और पवित्र आत्मा में प्रार्थना करते रहो। (यहूदा 1:20) विश्वास अनदेखी वस्तुओं का प्रमाण है| यह आशा और संभावनाओं का क्षेत्र नही है| विश्वास ऐसा होना है कि आप उस पॉइंट पर आ गये हैं जहाँ जिन चीजों के लिए आप प्रार्थना कर […]

स्मारक बनाएँ

फिर परमेश्वर ने उन से कहा, सुनो, जितने बीज वाले छोटे छोटे पेड़ सारी पृथ्वी के ऊपर हैं और जितने वृक्षों में बीज वाले फल होते हैं। (उत्पत्ति 1:29A) पृथ्वी पर रहते हुए यीशु ने जो अदभुत कथन दिया था, उनमें से एक था, कि हम वो नहीं हैं जिन्होंने उसे चुना है, बल्कि, उसने […]

विश्वास का कार्य: धन्यवाद देने की भेंट

और उनमें से धन्यवाद और आनंद करने वालों का शब्द सुनाई देगा; मैं उन्हें बढ़ाऊंगा और वे घटेंगे नहीं; मैं उन्हें महिमा दूंगा और वे थोड़े न होंगे (यिर्मयाह 30:19)। सच्ची मसीहत परमेश्वर के वचन पर विश्वास करके जीना है, जहाँ आप हमेशा परमेश्वर के प्रति आभारी रहते हैं और उसे महिमा देते हैं। इसलिए, […]

विश्वास का कार्य: धन्यवाद देना

इसलिये मैं तुम से कहता हूं, कि जो कुछ तुम प्रार्थना करके मांगते हो, तो प्रतीति कर लो कि तुम्हें मिल गया, और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा। (मरकुस 11:24) जब हम किसी मामले या परिस्थिति पर अपना विश्वास लगाते हैं तो सबसे पहले हम प्रार्थना करते हैं।जैसे हम इसके लिए प्रार्थना करते हैं, हम […]

विश्वास का कार्य: निर्देशों का पालन करें

…हे यहूदा, और हे यरूशलेम के निवासियो, मेरी सुनो; अपने परमेश्वर यहोवा पर विश्वास रखो, तब तुम स्थिर रहोगे; उसके नबियों की प्रतीति करो, तब तुम समृद्ध होगे। (2 इतिहास 20:20) 2 राजा 5 में हम नामान के बारे में पढ़ते हैं, जो सीरिया के राजा की सेना का सेनापति था, वह एक महान व्यक्ति […]