परमेश्वर को अपने जीवन में सबसे पहले रखें

दशमांश कि शिक्षा का यह उद्देश्य है कि तुम यह सीख पाओ कि सदैव परमेश्वर को अपने जीवन में प्रथम स्थान में रखो। (व्यवस्थाविवरण 14:23b TLB) परमेश्वर को जीवन में पहले रखना कोई दबाव नहीं वरण सौभाग्य और सम्मान कि बात है। मसीह में होना कोई और धर्म में होने जैसा नहीं है। मसीहत कोई […]

आप पर कोई अधिकार नही!

और तुम पर पाप की प्रभुता न होगी, क्योंकि तुम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हो (रोमियो 6:14) यीशु की प्रभुता को अपने जीवन पर घोषित करने के बाद नए जन्में होने से पाप ने आपके जीवन पर पूरा अधिकार खो दिया है| प्रभु का मतलब होता है मास्टर, चलाने वाला, सिखाने […]

हर एक भार को अलग हटा दीजिए

इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्तु, और उलझाने वाले पाप को दूर कर के, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें। (इब्रानियों 12:1) अगर आपको परमेश्वर की संतान होने के नाते आपके सामने दिए रेस को सफलतापूर्वक […]

डर से निपटें: प्रभु से प्रेम करें

प्रेम में भय नहीं होता, बरन सिद्ध प्रेम भय को दूर कर देता है, क्योंकि भय से पीड़ा होती है। जो भय करता है, वह प्रेम में सिद्ध नहीं हुआ। (1 यूहन्ना 4:18) आपके प्रति परमेश्वर का प्रेम अनंत और बिना शर्त वाला है। यिर्मयाह 31:3 में, प्रभु कहता हैं, “…मैं तुझ से सदा प्रेम […]

डर से निपटें: विश्वास की बातें बोलें

और हम भी वही विश्वास की आत्मा रखते हैं, जैसा लिखा है, कि मैं ने विश्वास किया, इसलिये बोला; सो हम भी विश्वास करते हैं, इसलिये बोलते हैं। (2 कुरिन्थियों 4:13) कई मसीहों को डर के बारे में बात करने की आदत होती है। कुछ लोगों को विश्वास और डर दोनों की बात एक साथ […]

डर से निपटें: चिंता न करें

किसी भी बात की चिंता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित किए जाएं। (फिलिप्पियों 4:6 NKJV) चिन्तित रहना कभी भी लाभदायक नहीं होता। जब एक व्यक्ति चिंतित होता है, तो वह परमेश्वर की सामर्थ को शॉर्ट-सर्किट कर देता है। आपकी […]

डर से निपटें: नियंत्रण लें

और यहोवा की आत्मा, बुद्धिमत्ता और समझ की आत्मा, युक्ति और पराक्रम की आत्मा, और ज्ञान और यहोवा के भय की आत्मा उस पर ठहरी रहेगी। (यशायाह 11:2) पवित्र आत्मा को प्रभु की आत्मा के रूप में संदर्भित किया गया है। इस ‘प्रभु की आत्मा’, वाक्यांश में एक महत्व है। जाहिर है, इसका अर्थ है […]

डर से निपटें: अन्य भाषा में प्रार्थना करें

पर हे प्रियो, अपने अति पवित्र विश्वास में अपनी उन्नति करते हुए और पवित्र आत्मा में प्रार्थना करते हुए। (यहूदा 1:20) जैसा कि हमने पहले सीखा, हमें डर के स्थान पर विश्वास लाना होगा। मैं आज आपका ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहता हूँ कि परमेश्वर ने हमें अन्य भाषा में प्रार्थना करने का आत्मिक […]

डर से निपटें: डर को विश्वास से बदलें

क्योंकि परमेश्वर ने हमें भय की नहीं पर सामर्थ, और प्रेम, और संयम की आत्मा दी है। (2 तीमुथियुस 1:7) डर एक ऐसी चीज़ है जिसका सामना हर किसी को कभी न कभी करना पड़ सकता है। यह कई रूपों में आ सकता है – असफलता का डर, अज्ञात का डर, दूसरे क्या सोचेंगे इसका […]

शैतान को आपको डराने न दें

मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं; इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा, तेरी सहायता करूंगा, अपने सत्यनिष्ठ दाहिने हाथ से मैं तुझे संभाले रहूंगा। (यशायाह 41:10) शैतान शक्तिहीन है। यीशु ने उसकी हार का सार्वजनिक प्रदर्शन किया। और आख़िरकार, शैतान को हराने के बाद, यीशु ने मृत्यु […]