बच्चों को सही शिक्षा दें : वे भविष्य हैं !
बच्चे को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उस को चलना चाहिये, और वह बुढ़ापे में भी उस से नहीं हटेगा। (नीतिवचन 22: 6) आज की दुनिया में लोग, अपने आज को मैनेज करने में इतने व्यस्त है कि वे अपने भविष्य की पीढ़ी –बच्चों- की ओर पूरी तरह से अनजान हैं। बच्चे भविष्य […]
Train up the children right: they are the future
Train up a child in the way he should go: and when he is old, he will not depart from it (Proverbs 22:6). People in today’s world are so involved in managing their today that they are completely oblivious of the future generation- the children. The children are the future leaders, they are the tomorrow. […]
अपनी बोली में अनुग्रही होना सीखें
अपनी बोली में अनुग्रही बनें। लक्ष्य यह है कि आप अपनी बातों के द्वारा दूसरों में सबसे अच्छा बाहर ला सकें, न की उन्हें नीचा दिखाएं और उन्हें अलग काट दें (कुलुस्सियों 4:6) क्या आपने कभी खुद को ऐसी परिस्थिति में पाया है, जहाँ आप किसी से प्रेम रखते हों परन्तु, वे आपके द्वारा किया […]
Learn to be gracious in your speech
Be gracious in your speech. The goal is to bring out the best in others in a conservation, not put them down or cut them out (Colossians 4:6 MSG) Have you ever found yourself in a position where you love someone, and they don’t feel loved by you? If yes, then there is a problem […]
বিজয়ীর মনোভাব
এবং সেখানে আমরা দৈত্যদের, আনাকের পুত্রদের দেখেছি, যারা দৈত্যদের থেকে এসেছে: এবং আমরা আমাদের নিজেদের দৃষ্টিতে ফড়িং হিসাবে ছিলাম, এবং তাই আমরা তাদের দৃষ্টিতে ছিলাম (Numbers 13:33) ঈশ্বরের নির্দেশে, মোসেস বারো জন লোককে কেনান দেশে পাঠান, দেশটি গুপ্তচরবৃত্তি করার জন্য। ঈশ্বর তাদের বলেছিলেন যে দেশটি তাদের ছিল (Numbers 13:2), কিন্তু যখন বারোজন গুপ্তচর ফিরে আসে, […]
एक विजेता का रवैया
फिर हम ने वहां दैत्यों को, अर्थात दैत्यों के वंश के अनाकवंशियों को देखा; और हम अपनी दृष्टि में तो टिड्डे के समान थे, और उनकी दृष्टि में भी वैसे ही थे। (गिनती 13:33) परमेश्वर के निर्देश पर, मूसा ने कनान देश की जासूसी करने के लिए बारह लोगों को वहाँ भेजा। परमेश्वर ने उनसे […]
The attitude of a victor
And there we saw the giants, the sons of Anak, which come of the giants: and we were in our own sight as grasshoppers, and so we were in their sight (Numbers 13:33) At God’s instruction, Moses sent out twelve men to the land of Canaan, to spy out the land. God had told them […]
এই নোটগুলো অধ্যয়ন করুন!
তখন সদাপ্রভু আমাকে উত্তর দিলেন এবং বললেন, “দর্শনটি লেখ এবং তা টেবিলের উপর স্পষ্ট করে দাও, যাতে যে পাঠ করবে সে যেন দৌড়াতে পারে। (Habakkuk 2:2) ঈশ্বরের আত্মা আমাদের প্রত্যেকের ব্যক্তিগত। চার্চের মিটিংয়ে বা আপনার ফেলোশিপের সময়ে তিনি আপনাকে যা সাহায্য করেন তা একই জায়গায় নাও হতে পারে, অন্য যে কেউ একই জায়গায় সহকর্মী হিসেবে […]
उन नोट्स का अध्ययन कीजिए
यहोवा ने मुझ से कहा, दर्शन की बातें लिख दे; वरन पटियाओं पर साफ साफ लिख दे कि इसे पढने वाला खुद ही दौड़ने लगे (हबक्कूक 2:2) परमेश्वर की आत्मा हम सब के प्रति निजी है। जो वह आपको सिखाता है तब, जब आप चर्च मीटिंग या संगती में हो, वह किसी और व्यक्ति के […]
Study those notes!
And the LORD answered me, and said, Write the vision, and make it plain upon tables, that he may run that readeth it. (Habakkuk 2:2) The Spirit of God is personal to each one of us. What He ministers to you in a Church meeting or in your time of fellowship may not be same, […]