इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर भरोसा न रखें, परन्तु जीवते परमेश्वर पर भरोसा रखें, जो हमें सब कुछ बहुतायत से देता है। (1 तीमुथियुस 6:7)
दुनिया के लिए क्षमता बढ़ाने का मतलब है, धन इकट्ठा करना और उसको जमा करके रखना। लेकिन बाइबल यह स्पष्ट करती है कि इस पृथ्वी का धन अनिश्चित है। हम, परमेश्वर की सन्तानों, के लिए क्षमता बढ़ाने का एकमात्र तरीका है परमेश्वर के साथ अपने चलने में निरन्तर वृद्धि करना।
हर बीज अपने अनुसार फल उत्पन्न करने की क्षमता रखता है। चावल के बीज से पपीता नहीं उपजेगा। आप अविनाशी बीज से, परमेश्वर के वचन के बीज से उत्पन्न हुए हैं। हमारी क्षमता परमेश्वर की सामर्थ द्वारा परिभाषित होती है। जितना अधिक आप परमेश्वर के साथ चलेंगे उतना ही अधिक आपकी फलदायी और उत्पादक होने की क्षमता बढ़ेगी।
तो फिर आप परमेश्वर के साथ कैसे चल सकते हैं? सबसे पहले, अपने पिता परमेश्वर के साथ गहरी संगति करके। फिर, जो कुछ आप करते हैं और जो आपके पास है, उसमें परमेश्वर के भवन को प्राथमिकता देने के द्वारा। अगला कदम यह है कि आपको परमेश्वर के वचन को निश्चित और बेबदल समय देना चाहिए, तथा प्रतिदिन उस पर मनन करना चाहिए। वचन में वह क्षमता है कि वह आपको वो बना दे जिसके बारे में वह कहता है। आपको अपने वचन के अध्ययन के समय के साथ कभी भी समझौता नहीं करना चाहिए। प्रभु के प्रति अपने प्रेम को बढ़ाएं। उसकी महिमा और ऐश्वर्य की आराधना करने में समय बिताएँ, तथा अपने पूरे हृदय और पूरे अस्तित्व से उसे धन्यवाद दें। जब आप ऐसा करेंगे तो आप अपने अंदर और अपनी क्षमता में एक ऐसा परिवर्तन देखेंगे जो किसी भी तर्क या परिभाषा से परे होगा।
परमेश्वर और उसकी सत्यनिष्ठा के लिए अपनी भूख बढ़ाने के लिए आप जो कुछ भी करते हैं, वही आपकी क्षमता को बढ़ाता है। इसलिए, एक मसीही के रूप में अपनी क्षमता को बढ़ाने की निरंतर इच्छा रखना महत्वपूर्ण है। बधाई हो, जैसे आपने आज के इस आर्टिकल का अध्ययन किया है, आपने अपनी क्षमता बढ़ा ली है! जैसे आप सीखे हुए वचन के अनुसार कार्य करते रहेंगे, आपके जीवन में सत्यनिष्ठा के प्रचुर फल आएंगे।
प्रार्थना:
अनमोल पिता, मैं आपका धन्यवाद करता हूं मेरे प्रति आपके महान प्रेम के लिए। मुझे दिव्य क्षमता देने के लिए धन्यवाद, जिसने मुझे जीवन में विजेता बनाया है। मैं जो कुछ भी करता हूँ उसमें फलदायी और उत्पादक हूँ, और सुसमाचार के लिए बड़ा प्रभाव डालता हूँ। यीशु के नाम में। आमीन!