एलिय्याह के जीवन से सबक

एलिय्याह (एलिजा) भी तो हमारे समान दुख-सुख भोगी मनुष्य था; और उस ने गिड़िगड़ा कर प्रार्थना की; कि मेंह न बरसे; और साढ़े तीन वर्ष तक भूमि पर मेंह नहीं बरसा। फिर उस ने प्रार्थना की, तो आकाश से वर्षा हुई, और भूमि फलवन्त हुई॥ (याकूब 5:17-18) एलिय्याह परमेश्वर का भविष्यवक्ता था। वह परमेश्‍वर का […]

खुद के प्रति आपका दृष्टिकोण

जो अपना प्राण बचाता है, वह उसे खोएगा; और जो मेरे लिये अपना प्राण खोता है, वह उसे पाएगा। (मत्ती 10:39) हमारा मुख्य वर्स खुद हमारे प्रभु यीशु द्वारा कहा गया कथन है। इसलिए, यह ऐसी चीज है जिसके बारे में किसी को भी अपने जीवन पर विचार करते समय गहराई से सोचना चाहिए। मसीह […]

पवित्र आत्मा: हमारा बलवर्धक

और मैं पिता से विनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक (मददगार, वकील, मध्यस्थ-सलाहकार, बल देने वाला, समर्थन करने वाला ) देगा, जो सदैव तुम्हारे साथ रहेगा (यूहन्ना 14:16 amp) क्या आपने कभी खुद को ऐसे स्थान या स्थिति में पाया है जब आपके हालात ,अवस्था और आपके आस-पास के लोग आपको नीचा दिखाने […]

उसके वचन का अन्दर आना!

तेरे वचन के अंदर आने से प्रकाश होता है; उससे भोले लोग समझ प्राप्त करते हैं। ( भजन संहिता 119:130) कुछ लोग सोचते हैं अगर उनके पास बाइबिल है तो उनके पास वचन है और उतना ही काफी है| कुछ लोग बाइबिल को अपने तकिये के नीचे रख कर सोते भी हैं, जैसे मानो हर […]