दाऊद के जीवन से सबक

फिर उसे अलग करके दाऊद को उन का राजा बनाया; जिस के विषय में उस ने गवाही दी, कि मुझे एक मनुष्य यिशै का पुत्र दाऊद, मेरे मन के अनुसार मिल गया है। वही मेरे सारी इच्छा पूरी करेगा। (प्रेरितों के काम 13:22) जब परमेश्वर ने दाऊद को इस्राएल का राजा चुना, वह सिर्फ एक […]

उनके जीवन से सबक लें

ताकि तुम आलसी न हो जाओ; वरन उन का अनुकरण करो, जो विश्वास और धीरज के द्वारा प्रतिज्ञाओं के वारिस होते हैं।(इब्रानियों 6:12) बाइबल उन लोगों की गवाहियों से भरी हुई है जो विश्वास में चले और परमेश्वर के वादों को प्राप्त किया। साथ ही, यह उन लोगों की गवाहियों से भरी पड़ी है जो […]

सीखने के प्रति आपका दृष्टिकोण

धन्य है वह मनुष्य जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता, न पापियों के मार्ग में खड़ा होता, न ठट्ठा करनेवालों की मण्डली में बैठता। परन्तु वह तो यहोवा की व्यवस्था से प्रसन्न रहता है, और उसकी व्यवस्था पर रात दिन मनन करता रहता है। वह उस वृक्ष के समान है जो बहती नदियों के […]

दिन 13

यीशु मसीह के सुसमाचार के प्रचार के प्रति आपका दृष्टिकोण क्योंकि यदि मैं सुसमाचार सुनाऊं, तो मुझे कुछ घमण्ड नहीं; क्योंकि यह तो मेरे लिये अवश्य है; और यदि मैं सुसमाचार न सुनाऊं, तो मुझ पर हाय! (1 कुरिन्थियों 9:16) मसीही होने के नाते हम सभी को यीशु मसीह के सुसमाचार के प्रचार के माध्यम […]

संसार के प्रति आपका दृष्टिकोण

जैसे मैं संसार का नहीं, वैसे ही वे भी संसार के नहीं। अपने सत्य के द्वारा उन्हें पवित्र कर: तेरा वचन सत्य है। जैसे तू ने मुझे जगत में भेजा है, वैसे ही मैं ने भी उन्हें जगत में भेजा है। (यूहन्ना 17:16-18) एक मसीह के रूप में आप दो स्तर में रहते हैं। एक […]

शास्त्रों के प्रति आपका दृष्टिकोण

सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और सत्यनिष्ठा की शिक्षा के लिये लाभदायक है। ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्पर हो जाए। (2 तीमुथियुस 3:16-17) हमारा मुख्य वर्स एक सुन्दर सत्य को उजागर करता है कि सभी शास्त्र […]

परमेश्वर के भवन की ओर आपका दृष्टिकोण

और मैं इस पत्थर पर अपनी कलीसिया बनाऊंगा: और अधोलोक के फाटक उस पर प्रबल न होंगे।( मत्ती 16:18) परमेश्वर का चर्च मसीह के शरीर का हृदय है।परमेश्वर के भवन के प्रति आपका दृष्टिकोण मायने रखता है। ऐसे लोग हैं जो यह कहने में गर्व महसूस करते हैं कि वे चर्च नहीं जाते हैं और […]

खुद के प्रति आपका दृष्टिकोण

जो अपना प्राण बचाता है, वह उसे खोएगा; और जो मेरे लिये अपना प्राण खोता है, वह उसे पाएगा। (मत्ती 10:39) हमारा मुख्य वर्स खुद हमारे प्रभु यीशु द्वारा कहा गया कथन है। इसलिए, यह ऐसी चीज है जिसके बारे में किसी को भी अपने जीवन पर विचार करते समय गहराई से सोचना चाहिए। मसीह […]

आपका दृष्टिकोण क्या है?

क्योंकि मसीह का प्रेम हमें विवश कर देता है, इसलिये कि हम निश्चय जानते हैं, कि एक सब के लिये मरा तो सब मर गए। और वह सब के लिये मरा, ताकि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उनके लिये मरा और फिर जी उठा। (2 कुरिन्थियों […]

यीशु के साथ हमारी एकता और संगति

परमेश्वर सच्चा है, और उसने हमें अपने पुत्र हमारे प्रभु यीशु मसीह की संगति में बुलाया है (1 कुरिन्थियों 1:9)। यीशु मसीह की संगति में बुलाए जाने का अर्थ है कि हम उसके साथ एकता में आ गए हैं। इसका अर्थ है कि हमें उसकी श्रेणी में लाया गया है, और अब हम उसके साथ […]