गिदोन के जीवन से सबक।

उसको यहोवा के दूत ने दर्शन देकर कहा, हे शूरवीर सूरमा, यहोवा तेरे संग है। (न्यायियों 6:12) गिदोन इस्राएल में एक न्यायाधीश और पराक्रमी योद्धा था। वह मनश्शे जनजाति के एक गरीब परिवार में सबसे छोटा था। परमेश्वर ने उसे मिद्यानियों के अत्याचार से इस्राएल को छुड़ाने के लिए बुलाया। परमेश्वर ने इस्राएल को पड़ोसी […]

एलिय्याह के जीवन से सबक

एलिय्याह (एलिजा) भी तो हमारे समान दुख-सुख भोगी मनुष्य था; और उस ने गिड़िगड़ा कर प्रार्थना की; कि मेंह न बरसे; और साढ़े तीन वर्ष तक भूमि पर मेंह नहीं बरसा। फिर उस ने प्रार्थना की, तो आकाश से वर्षा हुई, और भूमि फलवन्त हुई॥ (याकूब 5:17-18) एलिय्याह परमेश्वर का भविष्यवक्ता था। वह परमेश्‍वर का […]

अब्राहम के जीवन से सबक।

और पवित्र शास्त्र का यह वचन पूरा हुआ, कि अब्राहम ने परमेश्वर की प्रतीति की, और यह उसके लिये सत्यनिष्ठा गिना गया, और वह परमेश्वर का मित्र कहलाया। (याकूब 2:23) अब्राहम और परमेश्वर के प्रति उसका विश्वास अनुकरणीय है। वह एक ऐसा व्यक्ति था जो परमेश्वर की हर आज्ञा को “हाँ” कहता था। यह उसके […]

दाऊद के जीवन से सबक

फिर उसे अलग करके दाऊद को उन का राजा बनाया; जिस के विषय में उस ने गवाही दी, कि मुझे एक मनुष्य यिशै का पुत्र दाऊद, मेरे मन के अनुसार मिल गया है। वही मेरे सारी इच्छा पूरी करेगा। (प्रेरितों के काम 13:22) जब परमेश्वर ने दाऊद को इस्राएल का राजा चुना, वह सिर्फ एक […]

उनके जीवन से सबक लें

ताकि तुम आलसी न हो जाओ; वरन उन का अनुकरण करो, जो विश्वास और धीरज के द्वारा प्रतिज्ञाओं के वारिस होते हैं।(इब्रानियों 6:12) बाइबल उन लोगों की गवाहियों से भरी हुई है जो विश्वास में चले और परमेश्वर के वादों को प्राप्त किया। साथ ही, यह उन लोगों की गवाहियों से भरी पड़ी है जो […]

सीखने के प्रति आपका दृष्टिकोण

धन्य है वह मनुष्य जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता, न पापियों के मार्ग में खड़ा होता, न ठट्ठा करनेवालों की मण्डली में बैठता। परन्तु वह तो यहोवा की व्यवस्था से प्रसन्न रहता है, और उसकी व्यवस्था पर रात दिन मनन करता रहता है। वह उस वृक्ष के समान है जो बहती नदियों के […]

दिन 13

यीशु मसीह के सुसमाचार के प्रचार के प्रति आपका दृष्टिकोण क्योंकि यदि मैं सुसमाचार सुनाऊं, तो मुझे कुछ घमण्ड नहीं; क्योंकि यह तो मेरे लिये अवश्य है; और यदि मैं सुसमाचार न सुनाऊं, तो मुझ पर हाय! (1 कुरिन्थियों 9:16) मसीही होने के नाते हम सभी को यीशु मसीह के सुसमाचार के प्रचार के माध्यम […]

देने के प्रति आपका दृष्टिकोण

दो, तो तुम्हें भी दिया जाएगा: लोग पूरा नाप दबा दबाकर और हिला हिलाकर और उभरता हुआ तुम्हारी गोद में डालेंगे, क्योंकि जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिये भी नापा जाएगा। (लूका 6:38) देना परमेश्वर के प्रति आराधना और सम्मान का कार्य है। देना एक आत्मिक नियम है और परमेश्वर की […]

अभिषेक और अभिषिक्त जन के प्रति आपका दृष्टिकोण!

मेरे अभिषिक्त को मत छूओ, और मेरे नबियों की हानि मत करो। (भजन संहिता 105:15) एक मसीही होने के नाते आपके अंदर परमेश्वर के अभिषिक्‍त दास और दासी के प्रति बहुत आदर और सम्मान होना चाहिए। बाइबल 1 थिस्सलुनीकियों 5:13 में कहती है कि “प्रेम में उनका बहुत आदर करो।” जब परमेश्वर आपको किसी दास […]

संसार के प्रति आपका दृष्टिकोण

जैसे मैं संसार का नहीं, वैसे ही वे भी संसार के नहीं। अपने सत्य के द्वारा उन्हें पवित्र कर: तेरा वचन सत्य है। जैसे तू ने मुझे जगत में भेजा है, वैसे ही मैं ने भी उन्हें जगत में भेजा है। (यूहन्ना 17:16-18) एक मसीह के रूप में आप दो स्तर में रहते हैं। एक […]