अपने अंदर छिपे खजाने से दुनिया को प्रभावित करें!

उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के सामने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में है, बड़ाई करें। (मत्ती 5:16) हमारे मिनिस्ट्री, एम्बेसडर्स ऑफ ज़ायन का दर्शन मोटो है, परमेश्वर के प्रेम से दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाना। एक एम्बेसडर्स ऑफ ज़ायन के रूप में, इस दर्शन को […]

अपने व्यक्तित्व में निवेश करें

और इसके अलावा, अपने विश्वास पर सद्गुण, और सद्गुण पर ज्ञान, और ज्ञान पर संयम, और संयम पर धैर्य, और धैर्य पर भक्ति, और भक्ति पर भाईचारे की प्रीति, और भाईचारे की प्रीति पर प्रेम बढ़ाते जाओ। (2 पतरस 1:5-7) बहुत से लोगों को अपनी परिस्थितियों, अपने परिवार, अपनी सरकार के बारे में शिकायत करने […]

भलाई और करुणा सदा हमारे पीछे आती हैं चाहे हम जहाँ भी जाएँ!

निश्चय ही भलाई और करूणा जीवन भर मेरे साथ साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूंगा (भजन संहिता 23:6) ऊपर दिया वर्स दुनिया भर के चल चर्चो में एक बेनेडीक्शन की तरह कहा जाता है; पर यह सिर्फ सर्विस के अंत में कहे जाने लायक कोई अच्छी चीज़ नही है, […]

किसी को नापसंद मत करें!

इसलिये प्रिय, बालकों के समान परमेश्वर के सदृश बनो और प्रेम में चलो, जैसे मसीह ने भी तुम से प्रेम किया और हमारे लिये अपने आप को सुखदायक सुगन्ध के लिये परमेश्वर को भेंट करके बलिदान कर दिया। (इफिसियों 5:1-2) परमेश्वर की संतान होने के नाते, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आपके पास ऐसा कोई […]

कमी की मानसिकता को नकारे

और मेरा परमेश्वर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित मसीह यीशु में है तुम्हारी हर एक घटी को पूरी करेगा। (फिलिप्पियों 4:19) एक व्यक्ति के जीवन में कमी का होना एक आत्मिक बात है ना की शारीरिक। कमी, किसी चीज़ का न होना नही है, परन्तु एक अवस्था है जब लोग परमेश्वर […]

लोगों की राय मायने नहीं रखती!

… जो वस्तु मनुष्यों में बहुत मूल्यवान है, वह परमेश्वर के निकट घृणित है (लूका 16:15) आज की दुनिया, सोशल मीडिया के प्रभाव के कारण लगातार दूसरों को प्रसन्न करने के लिए जी रही है। मैंने एक बार परमेश्वर के एक महान जन को यह कहते हुए सुना था: “यदि आप सभी को प्रसन्न करने […]

अपनी सामर्थ को प्रवाहित होने दें

अंतिम वचन: प्रभु में और उस की सामर्थ के प्रभाव में बलवन्त बनो। (इफिसियों 6:10) परमेश्वर की संतान होने के नाते, हममें भी वही जीवन है जो यीशु में था। ऐसा इसलिए है क्योंकि परमेश्वर का वचन स्पष्ट है: “…जैसा वह (यीशु) है, वैसे ही हम भी इस संसार में हैं” (1 यूहन्ना 4:17)। इसलिए, […]

परमेश्वर की प्रेम की आँखों से देखिये

परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। (रोमियो 5:8) मसीह यीशु में हमने परमेश्वर का जीवन और स्वभाव पाया है। उसने हमें हर एक से प्रेम करने को कहा है और हमें यह भी बताया है कि […]

एक जलता हुआ और चमकता प्रकाश

“वह तो जलता और चमकता हुआ दीपक था; और तुम्हें कुछ देर तक उस की ज्योति में, मगन होना अच्छा लगा।” (युहन्ना 5:35) युहन्ना, बपतिस्मा दाता, का कितना अनोखा वर्णन है; मास्टर के खुद के होठों से आता हुआ!आपको पता है, हर प्रकाश एक जलता और चमकता हुआ प्रकाश नहीं होता। कुछ शांत और मंद […]

आप प्रकाश हैं

मैं ने तेरे विषय में सुना है कि ईश्वर की आत्मा तुझ में रहती है; और प्रकाश, प्रवीणता और उत्तम बुद्धि तुझ में पाई जाती है। (दानिय्येल 5:14) प्रकाश का तात्पर्य समाधान, स्वतंत्रता और स्पष्टता है। यीशु ने कहा: “तुम जगत की ज्योति हो; जो नगर पहाड़ पर बसा हुआ है वह छिप नहीं सकता। […]